MP के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जाना चाहते हैं स्कूल, शिक्षा विभाग से मांगी इजाजत

सीएम चौहान ने कहा हमें शिक्षक की भूमिका भी निभाने के लिए तैयार होना चाहिए. मेरा भी माह में एक या दो बार स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाने का मन होता है. कक्षाओं में जाकर बच्चों से चर्चा भी की है. प्रदेश में नई शिक्षा नीति में टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें निरंतर संवाद की प्रक्रिया जारी है. 

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आयोजित कार्यशाला में सीएम ने शिक्षकों से संवाद किया.

भोपाल:

मध्यप्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो स्कूल जाना चाहते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि  मैं महीने में दो दिन स्कूल में पढ़ाने के लिए जाना चाहता हूं, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग से इजाजत मांगता हूं. अगर शिक्षा विभाग अनुमति देगा, तो महीने में दो बार मैं भी स्कूलों में पढ़ाने जाउंगा. कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सभागार,भोपाल में 'राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021' के विश्लेषण और भावी रणनीति पर आयोजित कार्यशाला में सीएम ने शिक्षकों से संवाद कर उन्हें उपलब्धि पर बधाई दी.  मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि वे खुद सरकारी स्कूल से निकले हैं. उनके शिक्षक रतनचंद जैन एक आदर्श शिक्षक रहे हैं. 

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राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 2021 में मध्यप्रदेश ने देश में पांचवां स्थान प्राप्त किया है. नेशनल अचीवमेंट सर्वे प्रति तीन वर्ष में होता है. केन्द्र सरकार द्वारा कराया जाने वाला राष्ट्रव्यापी शिक्षा सर्वे देश का सबसे बड़ा सर्वे है. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर तक विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर का फीडबैक प्राप्त कर भविष्य के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. कक्षा 3, 5, 8 और 10 के लिए सर्वे में सैंपल आधार पर कार्य हुआ, जिसमें गणित, विज्ञान, पर्यावरण, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी और भाषा की शैक्षणिक उपलब्धियों के स्तर की जाँच की गई. सर्वे में केन्द्र सरकार के विद्यालयों सहित राज्य सरकार के विद्यालय, प्राइवेट विद्यालय और अनुदान प्राप्त विद्यालय शामिल होते हैं. 

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चौहान ने कहा हमें शिक्षक की भूमिका भी निभाने के लिए तैयार होना चाहिए. मेरा भी माह में एक या दो बार स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाने का मन होता है. कक्षाओं में जाकर बच्चों से चर्चा भी की है. प्रदेश में नई शिक्षा नीति में टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें निरंतर संवाद की प्रक्रिया जारी है. 

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मध्यप्रदेश को देश के प्रथम 10 राज्यों में स्थान हासिल हो, इसके लिए कोविड की परिस्थितियों में चरणबद्ध तरीके से विद्यालय प्रारंभ किए गए. यू-ट्यूब लाइव के जरिये शिक्षकों को विषयवार ओरिएंटेशन किया गया.परीक्षा वातावरण से छात्रों को परिचित कराने के लिए मॉक टेस्ट का उपयोग किया गया. जिलों के अच्छे प्रयासों को साझा करने के लिए मंच उपलब्ध करवाया गया. प्रदेश प्रारंभिक कक्षाओं (कक्षा 3, 5 एवं 8) में देश में पाँचवें क्रम पर रहा है. कक्षा 3 में 37 जिले, कक्षा 5 और 8 में 33 जिले और कक्षा 10 में प्रदेश के 20 जिले राष्ट्रीय औसत से ऊपर रहे हैं.

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