MP-छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष-विधायक दल का नेता? 8 दिसबंर को दिल्ली में होगा फैसला

सवाल यही है कि आखिर मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष (MP Congress President) कौन बनेगा. कांग्रेस आलाकमान जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाना चाहता है. वहीं दिग्विजय सिंह बेटे जयवर्धन भी अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हैं. तो अरुण यादव के भी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा जोरों पर है.

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नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने 8 दिसंबर को दिल्ली में बड़ी बैठक (Congress Meeting) बुलाई है. इस बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक बैठक में प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता बदले जाएंगे. वहीं खबर ये भी है कि मध्य प्रदेश में आदिवासी नेता उमंग सिंघार को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है. उमंग सिंघार 4 बार के विधायक और पूर्व मंत्री रह चुके हैं. 

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कौन चुना जाएगा विधआयक दल का नेता?

वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह उमंग सिंघार के नाम पर सहमत नहीं हैं. जबकि एक दिन पहले उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह से माफी मांगते हुए कहा था कि अगर उनके दिग्विजय को ठेस पहुंची है तो वह माफी मांगते हैं. वहीं अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह भी CLP की रेस में शामिल हैं, वहीं कमलनाथ खुद ही विधायक दल के नेता बने रहना चाहते हैं. लेकिन राज्य में करारी हार के बाद आलाकमान ये जिम्मेदारी किसी और को सौंपने पर विचार कर रहा है. 

MP प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कौन-कौन शामिल?

अब सवाल यही है कि आखिर मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनेगा. कांग्रेस आलाकमान जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाना चाहता है. वहीं दिग्विजय सिंह बेटे जयवर्धन भी अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हैं. तो अरुण यादव के भी प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा जोरों पर है. अरुण यादव 2 बार के सांसद और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. 

वहीं बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो यहां पर भी करारी हार के बाद कांग्रेस बदलाव का मन बना चुकी है. दिल्ली में 8 दिसंबर को होने वाली बड़ी बैठक में छत्तीसगढ़ में नया विधायक दल का नेता और नया प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा. इस दौरान मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज इस्तीफा सौपेंगे.

MP-छत्तीसगढ़ का नेतृत्व बदलने पर विचार

बता दें कि 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 66 सीटों पर समिट गई, वहीं 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस को 35 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. जनता से किए तमाम वादों पर कमलनाथ और दीपक बैज खरे नहीं उतरे, जिसके बाद अब आलाकमान राज्य नेतृत्व बदलने पर विचार कर रहा है.

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