अनंतनाग एनकाउंटर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार देर रात से सुरक्षा बलों के साथ शुरू हुई मुठभेड़ लगातार जारी है. साफ है आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए हैं. उनके पास गोला बारूद और खाने पीने के समान की कोई कमी नहीं है.
एनडीटीवी इंडिया को सुरक्षा बलों से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सेना और पुलिस को इनफॉर्मर से इनपुट मिला कि कोकरनाग इलाके में गदुल में आतंकी छिपे हुए हैं. इलाके को घेरकर तलाशी ली गई तो कुछ नहीं मिला. बस यह जानकारी मिली कि आतंकी पहाड़ी के ऊपर चोटी पर हैं. सेना और पुलिस की टीम ने आतंकियों पर धावा बोलने का फैसला लिया.
कठिन रास्ते पर त्वरित जवाबी कार्रवाई नहीं हो सकी
पहाड़ी पर ऊपर चढ़ने का रास्ता काफी संकरा और चुनौती से भरा है. एक तरफ पहाड़ व घना जंगल है तो दूसरी तरफ गहरी खाई. ऊपर से रात का अंधेरा था. आगे 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह फिर मेजर आशीष और उसके बाद पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट थे. ऊपर हाईड आउट में आतंकी सुरक्षा बलों को नीचे से ऊपर आते हुए देख सकते थे. अपनी गुफा के पास आते ही आतंकियों ने भारी गोलाबारी शुरू कर दी. सेना और पुलिस को संभलने का मौका नहीं मिला. रास्ता भी ऐसा था जहां चाहकर भी किसी चीज की आड़ लेकर जोरदार जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकते थे. साथ मे नीचे गिरने का खतरा भी था.
जब सेना के कर्नल, मेजर और पुलिस के डीएसपी को गोली लग गई तो उनको तुरंत वहां से अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका. उस जगह पर जबरदस्त फायरिंग हो रही थी. ना तो हेलीकॉप्टर उतारा जा सके और ना ही घायल अधिकारियों को तुरंत मेडिकल मदद मिल सकी. बहुत मुश्किल से सुबह तीनों के शवों को निकाला जा सका.
हेरॉन के जरिए विस्फोटक गिराया जा रहा
इसके बाद से सुरक्षा बलों ने आतंकियों के छुपने वाली पहाड़ी को हर तरफ से घेर लिया हैं. इजराइल से खरीदे गए हेरॉन से नजर रखी जा रही है. यूएवी के जरिए गुफा में छिपे आतंकियों पर बमबारी की जा रही है, ताकि उन्हें ढेर किया जा सके. रॉकेट लांचर दागे जा रहे हैं. स्पेशल फोर्सेज के जवान भी लगातार हमले बोल रहे हैं. मुश्किल यह है कि सेना अभी तक एरिया को डोमिनेट नहीं कर पाई है. उस जगह की भौगोलिक सरंचना ऐसी है जहां ऑपेरशन करने में काफी दिक्कत आती है.
आधुनिक हथियारों के साथ हैं प्रशिक्षित आतंकी
जानकारी के मुताबिक इन पहाड़ी इलाकों में आतंकियों की तादाद दो तीन से कही ज़्यादा है. इनमें पिछले साल लश्कर तोयबा में शामिल हुआ उजैर खान भी शामिल है. इसको इलाके की पूरी जानकारी है जिसका फायदा आतंकियों को मिल रहा है. सुरक्षा से जुड़े जानकारों के अनुसार इतने दिनों तक सामान्य आतंकी सुरक्षा बलों के सामने टिक नहीं सकते हैं. इनकी ट्रेनिंग आला दर्जे की है और हथियार भी बेजोड़ हैं. यह भी हो सकता है इनफॉर्मर ने डबल क्रॉस कर दिया हो या फिर किसी ने सुरक्षा बलों की मूवमेंट लीक कर दी हो. यह ऑपेरशन खत्म करना सुरक्षा बलों के बड़ी चुनौती बन गया है.