उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश से भारी नुकसान हो रहा है और केदारनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. हापुड़ के मलकपुर गांव में रहने वाले विजय सैनी के दो सगे बेटे अतुल सैनी और विपिन सैनी अपने चचेरे भाई राजू और मौसेरे भाई केशव के साथ 27 जुलाई को उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में दर्शन करने के लिए दो बाइकों पर सवार होकर गये थे. एक बाइक पर अतुल सैनी और केशव साथ थे, तो दूसरी बाइक पर विपिन सैनी और राजू साथ थे.
अतुल ने बताया कि 2 अगस्त की शाम थी. हम चारों भाई केदारनाथ के बाद बद्रीनाथ के दर्शन कर वापस घर की ओर लौट रहे थे. दोनों बाइकों में 100 मीटर की दूरी का अंतर था. विपिन की बाइक उसकी बाईक से पीछे चल रही थी. इसी दौरान तेज आवाज हुई और जब उसने पलटकर देखा, तो लोगों की भीड़ लगी हुई थी. पास जाकर देखने पर पता चला कि विपिन की बाइक पत्थरों के नीचे दबी हुई थी और लोगों ने बताया कि पहाड़ के पत्थर गिरने के कारण बाइक पर सवार दो युवक अलकनंदा नदी में गिर गये हैं. इससे अतुल और केशव के होश उड़ गये. इसकी जानकारी अतुल ने अपने पिता विजय सैनी को दी. सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया.
विजय सैनी ने बताया कि वह आनन-फानन में हापुड़ से बद्रीनाथ पहुंच गये. यहां रेस्क्यू टीम के साथ विपिन और अपने भतीजे राजू को ढूंढना शुरू किया, तो राजू का शव नदी के किनारे खाई में पड़ा हुआ था. जिसे रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाल लिया. इसके अलावा विपिन दूर-दूर तक काफी तलाशने के बावजूद भी रेस्क्यू टीम को नहीं मिला. अब विजय सैनी ने हापुड़ जिला प्रशासन और उत्तराखंड प्रशासन से गुहार लगाई है, कि उसके बेटे को जल्द से जल्द ढूंढ निकाला जाए. राजू के शव मिलने और विपिन के लापता होने से पूरे गांव में शोक का माहौल है. परिवार में भी कोहराम मचा हुआ है. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है.
बता दें कि उत्तराखंड में इन दिनों तबाही मची हुई है. बादल फटने से बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के हालात बने हुए हैं. ऐसे में केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर गये श्रद्धालु संपर्क मार्गों के कटने की वजह से वहीं फंसे हुए हैं.