उत्तर प्रदेश के कानपुर में अतिक्रमण हटाने के दौरान एक मां-बेटी की ज़िंदा जलकर मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली गई है. एफआईआर में में एसडीएम, लेखपाल, स्टेशन ऑफिसर, जेसीबी के ड्राइवर सहित 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है. हत्या, हत्या की कोशिश जैसी धाराएं लगाई गई हैं. मामला कानपुर देहात का है, जहां प्रशासन एक मंदिर का गिराने पहुंचा था. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इसी दौरान उनकी झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें जलकर मां और बेटी की मौत हो गई। दोनों को बचाने की कोशिश में परिवार का मुखिया भी गंभीर रूप से घायल हुआ है.
पीडि़त परिवार ने लेखपाल और एसडीएम पर आरोप लगाए हैं. परिवार का कहना है कि कुछ और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से रंज़िशन आग लगाकार दो लोगों की हत्या की गई है. कानपुर ज़ोन के कमिश्नर का कहना है कि जांच के आदेश दिए गए हैं दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. वहीं, परिवार का कहना है कि जब तक आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं होती, तब तक वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
पीड़ित परिवार के मुताबिक़, तहसील प्रशासन के लोग एक मंदिर गिराने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया. अंदर मौजूद कुछ लोग जान बचाकर भागे, लेकिन मां-बेटी आग में घिर गईं और दोनों की मौत हो गई. इससे पहले जनवरी महीने में पीड़ित परिवार का मकान गिरा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने डीएम से मिलकर इंसाफ़ की गुहार लगाई थी. डीएम से तीन दिन में न्याय का भरोसा भी मिला था. लेकिन प्रशासन से कोई राहत नहीं मिली और अब ये मामला सामने आया है. घटना के बाद इस मामले में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. कमिश्नर के मुताबिक, दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा.
कमिश्नर राजशेखर का कहना है कि हमनें जांच के आदेश दे दिए हैं. ये एक दुखद घटना है. एफआईआर दर्ज कर ली गई है. हम परिवार के साथ हैं. दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा.