गोद में 3 साल का बच्चा, पेट्रोल छिड़ककर कुर्सी में बैठी और आग लगा ली, दहेजलोभियों की भेंट चढ़ी महिला टीचर

एसीपी नागेंद्र कुमार ने कहा कि पीड़िता संजू ने अपनी बेटी के साथ आत्महत्या की. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिवार ने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है. हमने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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  • डांगीयावास क्षेत्र में 32 वर्षीय शिक्षिका संजू ने तीन वर्षीय बेटी के साथ आत्महत्या की घटना को अंजाम दिया.
  • संजू ने आत्महत्या से पहले अपने पति, ससुराल पक्ष और ननद के मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
  • परिवार ने बताया कि संजू को ससुराल वाले मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे और चरित्र पर बेबुनियाद आरोप लगाते थे.
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जोधपुर:

राजस्थान के जोधपुर के डांगीयावास क्षेत्र में 32 वर्षीय शिक्षिका संजू की अपनी तीन वर्षीय बेटी के साथ आत्महत्या की घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है. जानकारी के अनुसार, संजू शुक्रवार को स्कूल से घर लौटी और पेट्रोल छिड़ककर कुर्सी पर बैठकर खुद को व अपनी तीन साल की बेटी को आग के हवाले कर दिया. मासूम बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संजू ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया.

संजू के परिवार का कहना है कि मरने से पहले उसने अपने पति, ससुराल पक्ष और ननद का नाम लिया, जिन्होंने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. लेकिन पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों ने बताया था कि वह बयान देने की स्थिति में नहीं थी. परिवार ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि ससुराल वाले संजू का मानसिक उत्पीड़न करते थे और उसके चरित्र पर बेबुनियाद आरोप लगाते थे.

'ससुरालवालों ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया'

संजू के पिता ओमजी ने कहा कि मेरी बेटी को उसके पति और ससुरालवालों ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. इसी मजबूरी में उसने यह कदम उठाया. मेरी तीन साल की पोती भी इस हादसे में चली गई. ससुराल वालों ने उसे गांव में रहने के लिए मजबूर किया. आत्महत्या का सुसाइड नोट पुलिस ने स्कूल के भूगोल लैब से बरामद किया है.

ससुर ने बताया कि उसने आत्महत्या की कोशिश की है और कहा कि आप घर आ जाइए. लेकिन उसे गांव में ही पड़ा रहने दिया, अस्पताल नहीं ले गए. घर में दो गाड़ियां खड़ी थीं, जिनमें से एक हमने ही अपनी बेटी को दी थी, फिर भी उसे अस्पताल ले जाने की जहमत नहीं उठाई.

संजू के चाचा हुकमाराम बिश्नोई ने कहा कि मेरी भतीजी पढ़ी-लिखी और समझदार थी. जब हम मौके पर पहुंचे तो लोग सिर्फ खड़े होकर देख रहे थे. मैं पुलिस के साथ ही पहुंचा. किसी ने उसे ढकने तक की कोशिश नहीं की थी. हमने चादर ओढ़ाकर उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया. मरने से पहले उसने तीन नाम लिए, उसके पति दिलीप, ससुराल वाले और ननद. उसने कहा कि इन लोगों ने मुझे बहुत सताया. वह और नाम लेना चाहती थी. लेकिन बोल नहीं पाई. उसे इस स्थिति तक मजबूर किया गया.

एसीपी नागेंद्र कुमार ने कहा कि पीड़िता संजू ने अपनी बेटी के साथ आत्महत्या की. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. परिवार ने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है. हमने दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. घटनास्थल से एफएसएल सैंपल लिए गए हैं और पीड़िता का मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है. शिक्षिका का सुसाइड नोट हमारे पास है.

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