भारत लौटे अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय यात्री कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित, सेंटिनल सीक्वेंसिंग में हुआ खुलासा

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 24 दिसंबर, 2022 से विभिन्न हवाई अड्डों पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू की है. 

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण की संभावित वापसी के खतरे को लेकर सरकार अलर्ट है. खासकर विदेश से भारत आ रहे लोगों की कड़ी निगरानी की जा रही है. अभी तक विदेश से आए 183 यात्रियों को कोरोना संक्रमित पाया गया है. 29 दिसंबर, 2022 से 7 जनवरी, 2023 तक एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) प्रहरी साइटों ने 22 INSACOG प्रयोगशालाओं में सिक्वेसिंग के लिए 324 COVID19 सकारात्मक नमूनों को भेजा है. 

सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए इन पॉजिटिव सैंपल की सेंटिनल सीक्वेंसिंग में BA.2 जैसे सभी ओमिक्रॉन वेरिएंट और BA.2.75, XBB (37), BQ.1 और BQ.1.1 (5), आदि सहित इसके सब-वैरिएंट की उपस्थिति का पता चला. हालांकि, जिन क्षेत्रों में इन वैरिएंट का पता चला है, वहां कोई मृत्यु दर या ट्रांसमिशन में वृद्धि की सूचना नहीं मिली है.  

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 24 दिसंबर, 2022 से विभिन्न हवाई अड्डों पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रैंडम टेस्टिंग शुरू की है. तब से, विभिन्न हवाई अड्डों पर 7786 फ्लाइट्स से 13,57,243 अंतर्राष्ट्रीय यात्री भारत आए, जिनमें से 29,113 रैंडम रूप से चूज किए यात्रियों का RT-PCR टेस्ट किया गया. 

कुल 183 सैपल्स पॉजीटिव पाए गए, जिन्हें बाद में 13 INSACOG लैब में संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया. 50 नमूनों की सीक्वेंसिंग से फिर संयोजक वेरिएंट सहित ओमिक्रॉन और ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट का पता चला.  XBB (11), BQ.1.1 (12) और BF7.4.1 (1) अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नमूनों में पाए गए मुख्य वैरिएंट थे. 

फिलहाल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय आईडीएसपी नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर विशेष रूप से ट्रांसमिशन और अस्पताल में भर्ती होने की प्रवृत्ति पर कड़ी नजर रख रहा है.

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