- संसद का मॉनसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा शामिल है.
- कांग्रेस ने अपने सांसदों को तीन दिन सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर ऑपरेशन सिंदूर पर जोर दिया है.
- विपक्षी दलों के कई नेता लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार से कड़े सवाल पूछेंगे और हंगामा भी संभव है.
28 जुलाई यानी सोमवार को संसद का मॉनसून सत्र फिर से शुरू होगा और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हर बार की तरह इस बार भी सत्र हंगामेदार रहने वाला है. सोमवार को लोकसभा में कई अहम विधेयकों पर चर्चा होनी है, जिसमें पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत की सैन्य प्रतिक्रिया, 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भी एक विशेष चर्चा शामिल है. शुरुआती हफ्ते में कई बार सदन की कार्यवाही को कई बार स्थगित किया गया था. अब निचले सदन में लोकसभा द्वारा जारी कार्य सूची के अनुसार इस मामले पर चर्चा होनी है.
किस पार्टी से कौन से नेता
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को लेकर कांग्रेस की तरफ से अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया गया है. पार्टी ने अपने लोकसभा सांसदों को 28 से 30 जुलाई तक सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. कल सुबह दस बजे इंडिया गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक होगी. लोकसभा में कांग्रेस की तरफ से सदन में पार्टी के उप नेता गौरव गोगोई चर्चा की शुरुआत करेंगे.
इसके बाद विपक्षी सांसद एक बार फिर SIR के मुद्दे पर प्रदर्शन करेंगे. लोकसभा में भले ही गतिरोध खत्म हो गया हो लेकिन राज्यसभा में कल भी SIR के मुद्दे पर हंगामा जारी रह सकता है. ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में विपक्ष के संभावित बड़े वक्ता सरकार को घेर सकते हैं. एक नजर डालिए कि किस पार्टी से कौन सा नेता सरकार से कड़े सवाल पूछता हुआ नजर आने वाला है-
कांग्रेस- राहुल गांधी (मंगलवार को सदन में बोलेंगे) , गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा, केसी वेणुगोपाल, राजा बराड़ / पंजाब से कांग्रेस का कोई सांसद. वहीं सूत्रों की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के संभावित वक्ताओं में अब तक शशि थरूर शामिल नहीं हैं.
समाजवादी पार्टी –अखिलेश यादव, राजीव राय
टीएमसी – अभिषेक बनर्जी/ सायोनी घोष सदन में बोल सकती हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार उसके सांसद बंगाली भाषा में बोलेंगे. टीएमसी का आरोप है कि बांग्ला भाषी लोगों को देश भर में निशाना बनाया जा रहा है. इस वजह से ही सांसद बांग्ला में भाषण देंगे.
डीएमके – कनिमोझी
एनसीपी एसपी- सुप्रिया सुले
शिव सेना यूबीटी – अरविंद सावंत, अनिल देसाई
आरजेडी – अभय कुशवाहा, मीसा भारती
सत्तापक्ष के कौन से नेता देंगे जवाब
सत्ता पक्ष से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में इस चर्चा में हस्तक्षेप करने की उम्मीद है. वह राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा में यह चर्चा मंगलवार से शुरू होगी. राजनाथ सिंह और एस जयशंकर उन मंत्रियों में शामिल होंगे जो उच्च सदन में इस चर्चा में भाग लेंगे. तेदेपा सांसद लवू श्रीकृष्ण देवरायलु और महासचिव हरीश बालयोगी के लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार, पार्टी को इसमें भाग लेने के लिए 30 मिनट का समय दिया गया है.
अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे मंत्रियों और नेता भी सदन में बोलते हुए नजर आएंगे. इनके अलावा, सत्तारूढ़ एनडीए की तरफ से उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारने की उम्मीद है, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक विश्व की राजधानियों की यात्रा कर चुके हैं.
16-16 घंटे होगी चर्चा
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर पर 28 जुलाई को लोकसभा में 16 घंटे और 29 जुलाई को राज्यसभा में 16 घंटे चर्चा होगी. उन्होंने कहा, 'सभी मुद्दों पर एक साथ चर्चा नहीं की जा सकती. विपक्ष ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास और अन्य जैसे कई मुद्दे उठाए हैं. हमने उन्हें बताया है कि पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी. उसके बाद हम तय करेंगे कि किन मुद्दों पर चर्चा करनी है. ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार (28 जुलाई) को लोकसभा में 16 घंटे और मंगलवार (29 जुलाई) को राज्यसभा में 16 घंटे बहस होगी.'
विपक्ष बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति की भी माँग कर रहा है. चूंकि प्रधानमंत्री इस हफ्ते दो देशों की यात्रा पर विदेश में थे. इसलिए यह चर्चा अगले सप्ताह के लिए निर्धारित की गई थी.