केरल पर पहुंचने के बाद दक्षिण पश्चिम मॉनसून के देश के अन्य हिस्सों में आगे बढ़ रहा है. इसका असर दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और पुडुचेरी में दिख सकता हैं. इन राज्यों/यूटी में अगले चार-पांच दिनों में बारिश का अनुमान है. गौरतलब है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने निर्धारित समय एक जून से तीन दिन पहले ही रविवार को केरल पहुंच गया. केरल में शनिवार से ही वर्षा हो रही है और राज्य में 14 में से 10 मौसम निगरानी केंद्रों में 2.5 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई है. दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के इलाकों में यह मानसून महीने के अंत तक या जुलाई के पहले हफ्ते में पहुंच सकता है. हालांकि मानसून के पहले की बारिश ने भी दिल्ली-एनसीआर को थोड़ी राहत दी है.
मौसम कार्यालय के अनुसार अगले तीन चार दिनों में दक्षिण पश्चिम मानसून के मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु के कुछ और हिस्सों, कर्नाटक की ओर बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, देश में मानसून के इस मौसम में पहले लगाए गए अनुमान से अधिक बारिश होने की उम्मीद है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘मानसून के इस मौसम में औसत बारिश के दीर्घकालिक अवधि औसत के 103 फीसद रहने की संभावना है.''
आईएमडी ने अप्रैल में कहा था कि देश में सामान्य वर्षा होगी जो दीर्घकालिक अवधि औसत का 99 प्रतिशत होगी. वर्तमान मानसून मौसम के लिए अद्यतन दीर्घकालिक अवधि पूर्वानुमान जारी करते हुए महापात्र ने कहा, ‘‘देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी वर्षा होगी.''उन्होंने कहा कि मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में बारिश के दीर्घकालिक अवधि औसत का 106 फीसद होने की उम्मीद की जा सकती है जबकि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश हो सकती है. (भाषा से भी इनपुट)
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