आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान बृहस्पतिवार को धन शोधन (Money laundering) संबंधी एक मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में खान की अध्यक्षता के दौरान हुई कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में आप विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से पिछले सप्ताह इनकार कर दिया था, जिसके बाद अब उनसे यह पूछताछ हुई है. शीर्ष अदालत ने उन्हें 18 अप्रैल को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था.
ईडी कार्यालय में प्रवेश करने से पहले उन्होंने पत्रकारों के सामने दावा किया कि जब वह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे तो उन्होंने नियमों का पालन किया और कानूनी राय लेने के बाद और 2013 में आए नए अधिनियम (बोर्ड के लिए) के अनुसार कार्य किया. खान के खिलाफ धन शोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी और दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से संबंधित है.
ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और अमानतुल्ला खान की अध्यक्षता (2018-2022) के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर खान ने अवैध तरीके से लाभ कमाया. ईडी ने कहा कि अमानतुल्ला खान ने उक्त आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया. इसमें कहा गया था कि छापे के दौरान कई अपराधिक सामग्री जब्त की गई, जो धन शोधन के मामले में अमानतुल्ला खान की भूमिका का संकेत देती है.
आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया था कि यह जांच उन झूठे मामलों में से एक थी, जो उसकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ दायर किए जा रहे थे. उच्चतम न्यायालय ने 15 अप्रैल के अपने आदेश में अमानतुल्ला खान को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था और विधायक द्वारा ईडी के समन में शामिल न होने पर नाराजगी जताई थी. पीठ ने उनके वकील से कहा 'क्या हुआ है... बार-बार समन जारी किए गए और आप उपस्थित नहीं हुए. यह गलत है. हम इसे कैसे माफ कर सकते हैं?' पीठ ने उनके वकील से कहा. एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में आरोपपत्र दायर किया और अमानतुल्ला खान के तीन कथित सहयोगियों - जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामित किया है.