मोकामा फायरिंग मामले में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह की जमानत याचिका को एमपी एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अनंत सिंह अभी जेल में हैं. इस मामले में 24 जनवरी को अनंत सिंह ने एक अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. एक अदालत परिसर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अनंत सिंह ने कहा था, 'हर किसी को कानून का पालन करना होता है. मैंने आत्मसमर्पण कर दिया है, क्योंकि मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब मैं जेल जा रहा हूं.'
क्या है पूरा मामला
गोलीबारी की यह घटना 22 जनवरी शाम को हुई थी, जब मोकामा में सिंह के काफिले को निशाना बनाया गया था. सोनू-मोनू गिरोह ने सिंह के काफिले पर कथित तौर पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थी. जबाव में सिंह के समर्थकों ने भी गोलीबारी की. प्रत्यक्षदर्शियों ने दोनों पक्षों के बीच 60 से 70 गोलियां चलने का दावा किया था.
हालांकि, पुलिस का कहना है कि घटना के दौरान 16-17 गोलियां चलीं थी. इस घटना में सिंह को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था. पुलिस ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दो संदिग्धों-सोनू और रोशन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
कौन है अनंत सिंह
‘छोटे सरकार' के नाम से मशहूर अनंत सिंह एक बाहुबली नेता हैं, जिन्होंने बिहार की मोकामा विधानसभा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व किया है. उनकी पत्नी और मोकामा की मौजूदा विधायक नीलम देवी हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गई थीं.
सिंह को 2018 में उनके पैतृक आवास से एके-47 राइफल, गोला-बारूद और दो हथगोले बरामद होने से जुड़े मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद जून 2020 में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, अगस्त 2024 में पटना उच्च न्यायालय ने सिंह को मामले में बरी कर दिया था और जेल से उनकी तत्काल रिहाई का निर्देश दिया था.
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