मोहन भागवत मथुरा में मंगलवार को एशिया के सबसे बड़े गौ अनुसंधान केंद्र का करेंगे लोकार्पण 

दीनदयाल धाम की दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के निदेशक सोनपाल सिंह ने बताया कि मथुरा के परखम गांव में गौ-विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षक केंद्र में आगामी दो वर्ष में दो सौ करोड़ की लागत से 15 अन्य प्रशिक्षण केंद्र और प्रकल्प स्थापित किए जाएंगे.

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मथुरा (उप्र):

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत सोमवार देर शाम मथुरा के फरह क्षेत्र में स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय की जन्मस्थली नगला चंद्रभान (दीनदयाल धाम) पहुंचे.
वह धाम के विश्राम गृह में ही रात गुजारेंगे एवं मंगलवार को परखम गांव में 200 करोड़ रुपये की लागत वाले दीनदयाल गौ-विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रथम चरण में पूर्ण हुए 20 करोड़ के कार्यां का लोकार्पण करेंगे.

ब्रज प्रांत के सह प्रचार प्रमुख कीर्ति कुमार ने बताया कि संघ प्रमुख डॉ० मोहन भागवत मंगलवार को दोपहर दो बजे 20 करोड़ की लागत से सर्वप्रथम निर्मित दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रशासनिक भवन, क्लास रूम और बायोगैस जनरेटर चलित बुनकर केंद्र का लोकार्पण करेंगे.

कुमार के अनुसार संघ प्रमुख इस अवसर पर आयुष पशु चिकित्सा संस्थान का शिलान्यास, पाठ्य पुस्तक विमोचन, गाय के आधार पर बनी फिल्म ‘गोदान' के पोस्टर का भी विमोचन करेंगे.

उन्होंने बताया कि इस अवसर पर वात्सल्य ग्राम संस्थापक साध्वी ऋतम्भरा एवं हंस फाउण्डेशन की मंगल माता अपने आशीर्वचन देंगी और आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य शंकर लाल भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे.

संघ प्रमुख के स्वागत के लिए दीनदयाल गऊ ग्राम परखम सजधज कर तैयार हो गया है. जगह-जगह तोरण द्वार बनाए गए हैं. गांव के मुख्य मार्ग से लेकर लोकार्पण स्थल तक परखम रोड के दोनों ओर भगवा पताकाएं लहरा रही हैं. कार और बस से आने वाले स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं के लिए सभा स्थल तक पहुंचने के अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं. पार्किंग भी अलग-अलग रहेगी.

दीनदयाल धाम की दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के निदेशक सोनपाल सिंह ने बताया कि मथुरा के परखम गांव में गौ-विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षक केंद्र में आगामी दो वर्ष में दो सौ करोड़ की लागत से 15 अन्य प्रशिक्षण केंद्र और प्रकल्प स्थापित किए जाएंगे. उनका कहना था कि इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह ऐसा अनूठा केन्द्र होगा, जहाँ गौवंश नस्ल सुधार, पंचगव्य की गुणवत्ता सुधार पर विश्वस्तरीय अनुसंधान कार्य किए जाएंगे. उनके अनुसार गौ-विज्ञान, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र गाय से संबंधित विभिन्न विषयों पर अनुसंधान कार्य करेगा और गव्य उद्यमिता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा.

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उन्होंने कहा कि यह विश्वपटल पर गाय से मनुष्यों के संवर्धन का उच्चतम मानक स्थापित करेगा तथा यहां विभिन्न विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं जैसे ‘ट्रॉसलेशनल रिसर्च सेन्टर‘, ‘मौलिक्यूलर बायोलॉजिकल टेस्टिंग लैब' और ‘एनिमल लैब' का निर्माण किया जाएगा.
 

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