मोदी ने ‘लाइफ मुहिम’ के जरिए जलवायु परिवर्तन का सरल समाधान दिया : भूपेंद्र यादव

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में उनके हवाले से कहा, ‘‘हम नयी प्रौद्योगिकियों की शुरुआत और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा के लिए नये सहयोग की भी आशा करते हैं.’’ 

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि भारत का मानना ​​है कि जलवायु कार्रवाई व्यक्तिगत स्तर पर शुरू होती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लाइफ मुहिम' के माध्यम से जलवायु परिवर्तन की जटिल समस्या का सरल समाधान प्रदान किया है. ‘लाइफ' मतलब है 'पर्यावरण के लिए जीवन शैली', यह एक जनहितैषी और पृथ्वी-अनुकूल प्रयास है जो दुनिया को बिना सोचे समझे खपत से प्राकृतिक संसाधनों के सावधानीपूर्वक और सोच समझकर उपयोग में बदलने का प्रयास करता है.

यादव ने रविवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के लिए ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज' (सीओपी) के 27वें संस्करण में भारत ‘पवेलियन' का उद्घाटन किया. सीओपी27 6 से 18 नवंबर तक निर्धारित है.

भारत ‘पवेलियन' में सभी देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की जटिल समस्या का सरल समाधान प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि भारत का मानना ​​है कि जलवायु कार्रवाई जमीनी स्तर, व्यक्तिगत स्तर से शुरू होती है और इसलिए भारत ‘पवेलियन' को ‘‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली'' के विषय के साथ डिजाइन किया गया है.

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यादव ने कहा कि भारतीय ‘पवेलियन' प्रतिनिधियों को याद दिलाता रहेगा कि साधारण जीवन शैली और व्यक्तिगत प्रथाएं जो प्रकृति में टिकाऊ हैं और वे धरती मां की रक्षा करने में मदद कर सकती हैं. मंत्री ने कहा कि भारत जलवायु वित्त से संबंधित चर्चाओं में पर्याप्त प्रगति की आशा करता है. 

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केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में उनके हवाले से कहा, ‘‘हम नयी प्रौद्योगिकियों की शुरुआत और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा के लिए नये सहयोग की भी आशा करते हैं.'' यादव ने सीओपी27 के औपचारिक उद्घाटन में भी भाग लिया जहां मिस्र ने ब्रिटेन से सीओपी अध्यक्षता संभाली.

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मंत्री ने सकारात्मक जलवायु परिवर्तन समाधान की दिशा में काम करने वाले भारत के ‘सीओपी यंग स्कॉलर्स' को सम्मानित भी किया. सम्मेलन में 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के प्रमुखा के भाग लेने की उम्मीद है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र नहीं जाएंगे. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यादव कर रहे हैं, जो 7 और 8 नवंबर को शर्म अल-शेख जलवायु कार्यान्वयन शिखर सम्मेलन में राष्ट्र प्रमुखों को संबोधित करेंगे. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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