DBT के जरिए मोदी सरकार की योजनाएं कितनी कारगर? पश्चिमी UP के मोदीनगर से ग्राउंड रिपोर्ट

बजट 2023 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने "Reaching the Last Mile" को बजट की 7 प्राथमिकताओं में शामिल किया था. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था के जरिए लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया का विस्तार हुआ है.

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DBT व्यवस्था को कारगर बनाने के लिए मोदी सरकार की तरफ से कई स्तर पर पहल की गयी है.
नई दिल्ली:

वित्त निर्मला सीतारमण ने BUDGET 2023 पेश करते हुए  "Reaching the Last Mile"... यानि सरकारी योजनाओं का फायदा हर ज़रूरतमंद लाभार्थी तक पहुंचे इसे अपनी सात प्राथमिकताओं में शामिल किया था. मौजूदा वित्तीय साल के दौरान इसे लागू करने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी DBT व्यवस्था का न सिर्फ विस्तार किया गया है बल्कि इसे और कारगर बनाने के लिए कई स्तर पर पहल की गयी है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मोदीनगर इलाके में गदाना गांव के किसान ओमपाल सिंह पिछले कई दशक से इस इलाके में खेती कर रहे हैं.ओमपाल सिंह कहते हैं, पिछले कुछ महीनो में खाद की कीमतें बढ़ी हैं...लेकिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ((PM-KISAN) योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि से खेती का आर्थिक बोझ कुछ कम हुआ है... डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था के ज़रिये पैसा सीधे बैंक खातों में पहुंचता है, कभी देरी नहीं हुई.

ओमपाल सिंह ने NDTV से कहा, "पैसे अपने अकाउंट में समय पर आ जाते हैं. इससे काफी हेल्प मिलता है. खाद वगैरह खरीदने में...कुछ खर्च का बोझ कम होता है. पिछले 1 साल में मेरे गांव में कई किसानों को इस योजना के साथ जोड़ा गया है. नए किसान इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए अब भी आवेदन कर रहे हैं".

बजट 2023 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने "Reaching the Last Mile" को बजट की 7 प्राथमिकताओं में शामिल किया था. इसके तहत मौजूदा वित्तीय साल के दौरान अलग-अलग सरकारी योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था के जरिए लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया का विस्तार हुआ है.

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक-

  1. आज भारत सरकार और राज्य सरकारों की कुल 1,016 योजनाओं (schemes) का लाभ करोड़ों लाभार्थियों तक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के ज़रिये पहुंचाया जा रहा है.
  2. 30 नवंबर, 2023 तक करीब 2.14-लाख करोड़ रुपये लाभार्थियों तक 167.94 करोड़ ट्रांजेक्शन्स के ज़रिये पहुंचाया गया.
  3. देश में सितम्बर 2023 के अंत तक 104.02 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन अलग-अलग DBT schemes के तहत पूरा हो चुका है.

दरअसल, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था की वजह से सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान आसान हुई है और बिचौलियों का प्रभाव खत्म हो गया है.

मोदीनगर के किसान हरिंदर नेहरा ने NDTV से कहा, "बीच में एक-दो बार दिक्कत हुई. KYC में गड़बड़ी थी...लेकिन जब दोबारा KYC ठीक किया तो पिछली कई किश्तें एक साथ आ गईं. यदि किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसके बच्चों को इस योजना के तहत रजिस्टर किया जाता है. यह योजना अच्छी चल रही है".

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मौजूदा वित्तीय साल के दौरान अप्रैल से नवंबर 2023 के बीच प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के करोड़ों लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में करीब 38,000 करोड़ रुपये सीधे ट्रांसफर किए गए. अब किसान चाहते हैं कि इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाने पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.

मोदीनगर के किसान नीरज नेहरा ने NDTV से कहा, "खाद, दवाइयां सब महंगी हो गईं हैं. बेहतर होगा कि सरकार सहायता राशि कुछ बढ़ाए". किसान ओमपाल सिंह कहते हैं, "प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत सहायता राशि 1000 रुपये तक बढ़ जाये तो अच्छा होगा."

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डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था के तहत जो लाभार्थी मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें सरकारी योजनाओं के दायरे से बाहर कर दिया जाता है.

मोदीनगर इलाके के रहने वाले संदीप दहिया इसके एक उदहारण हैं. संदीप दहिया ने NDTV से कहा, "मुझे पीएम किसान योजना के तहत 2020 से 2021 के बीच तीन से चार किश्तें मिलीं. मैंने अप्रैल 2021 में नौकरी ज्वाइन की और उसके अगले साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया. मैंने अपनी अर्निंग भी दिखाई. इसके बाद मुझे लिस्ट से बाहर कर दिया गया, किश्तें मिलनी बंद हो गयी".

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ज़ाहिर है, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व्यवस्था के विस्तार से सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन बेहतर हुआ और और पारदर्शी भी. 

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