देशभर में सामरिक महत्व और भौगोलिक जरूरतों के हिसाब से अब नेशनल हाईवे (National Highway) को रनवे (Runway) के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इसके तहत देशभर के नेशनल हाईवे पर 35 एयरस्ट्रिप (Airstrip) का निर्माण किया जा रहा है, ताकि इमरजेंसी के वक्त लड़ाकू विमानों (Fighter Jet)की लैंडिंग हो सके. खासतौर पर देश के बॉर्डर वाले हाईवे पर एयरस्ट्रिप बनाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इमरजेंसी हालात में हाईवे से ट्रैफिक की आवाजाही को रोक दी जाएगी और हाईवे पर बने एयरस्ट्रिप का इस्तेमाल लड़ाकू विमानों के लिए किया जाएगा.
केंद्र सरकार ने देशभर में हाईवे पर 35 एयरस्ट्रिप बनाने के लक्ष्य रखा है. जम्मू-कश्मीर से लेकर देश के कई राज्यों में युद्धस्तर पर काम चल रहा है. इसमें से लगभग 15 बनकर तैयार हो गए हैं. कुछ ऐसे एयरस्ट्रिप हैं, जिनको लेकर एयरफोर्स से मंजूरी ली जा रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी से भी आग्रह किया है. ताकि एयरस्ट्रिप बनाने में किसी तरह की अड़चन न आए.
खास होगी एयरस्ट्रिप की डिजाइन-गडकरी
गडकरी ने कहा- 'एयरस्ट्रिप का उसी तरह से इस्तेमाल किया जाएगा, जिस तरह से ट्रेन के आने पर रेलवे का फाटक बंद कर दिया जाता है. ट्रेन के जाने के बाद ही उसे खोल दिया जाता है और ट्रैफिक शुरू हो जाती है. हाईवे पर एयरस्ट्रिप को ऐसे ही डिजाइन किया गया है, ताकि इमरजेंसी में ट्रैफिक रोककर विमानों की लैंडिंग और टेक ऑफ कराई जा सके.
राजस्थान के हाईवे पर बनी थी पहली इमरजेंसी एयरस्ट्रिप
साल 2021 में राजस्थान में नेशनल हाईवे पर पहली इमरजेंसी एयरस्ट्रिप की शुरुआत हुई थी. उसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वायुसेना के C-130J सुपर हरक्यूलिस से लैंड होकर किया था.
कहां-कहां हाईवे पर बनेंगे एयरस्ट्रिप?
जम्मू कश्मीर के बिजबेहारा-चिनार बाग हाईवे पर, दिल्ली में दिल्ली-मुरादाबाद हाईवे पर, उत्तराखंड में रामपुर-काठगोदाम हाईवे पर, उत्तर प्रदेश में लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर, बिहार में किशनगंज-इस्लामपुर हाईवे पर, झारखंड में जमशेदपुर-बालासोर हाईवे पर, पश्चिम बंगाल में खड़गपुर-क्योंझर हाईवे पर, असम में मोहनबाड़ी-तिनसुकिया हाईवे पर, ओडिशा में छतरपुर-दीघा हाईवे पर, राजस्थान में फलोदी-जैसलमेर हाईवे पर, गुजरात में द्वारका-मालिया हाईवे पर, आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा-राजामुंद्री हाईवे पर और तमिलनाडु में चेन्नई-पुडुचेरी हाइवे पर एयरस्ट्रिप बनाए जा रहे हैं.
क्या होगा इसका फायदा?
हाइवे पर एयरस्ट्रिप का फायदा ये होगा कि इमरजेंसी के हालात में तुरंत मोबलाइजेशन की जा सकेगी. खासकर युद्ध के हालात में बॉर्डर वाले इलाकों में पहुंचना आसान होगा. आपको बता दें कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जहां हाईवे पर एयर स्ट्रिप बनाई गई है.
इन देशों में भी बनें एयरफोर्स के लिए रोड रनवे
भारत के अलावा चीन, पाकिस्तान, स्वीडन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ताइवान, पोलैंड, फिनलैंड, चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया, साउथ कोरिया और सिंगापुर में वहां की एयरफोर्स के लिए रोड रनवे बने हैं. अमेरिका में तो हर हाईवे पर एयरस्ट्रिप है. जबकि पाकिस्तान में सिर्फ दो हाईवे पर फाइटर प्लेन लैंड कराए जा सकते हैं.
यमुना एक्सप्रेस-वे पर मिराज-2000 की हुई थी लैंडिंग
21 मई 2015 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर मिराज-2000 की लैंडिंग हुई थी. ये पहला मौका था जब सड़क पर इंडियन एयरफोर्स ने सड़क पर फाइटर प्लेन उतारा था. 21 नवंबर 2016 को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के इनॉगरेशन के वक्त मिराज और सुखोई ने यहां टच डाउन किया था. वहीं, 24 अक्टूबर 2017 को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर एयरफोर्स का सबसे बड़ा टचडाउन हुआ. तब यहां सुपर हरक्यूलिस समेत 17 फाइटर प्लेन लाए गए थे. 9 सितंबर 2021 को बाड़मेर में नेशनल हाइवे 925A पर C-130 J सुपर हरक्यूलिस सुखोई-30 और जगुआर की लैंडिंग हुई. इसके बाद 24 जून के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर सुखोई, मिराज जैसे फाइटर जेट ने टचडाउन किया और कई करतब दिखाए.
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय पहली बार हुई था हाईवे एयरस्ट्रिप का इस्तेमाल
पहली बार हाईवे पर एयर स्ट्रिप का इस्तेमाल सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय हुआ था. तब जर्मनी में नाजियों ने रीकसाउतोबान हाईवे को एयर स्ट्रिप की तरह इस्तेमाल किया था.
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