UAPA के तहत राजद्रोह के दूसरे मामले में असम के विधायक अखिल गोगोई NIA कोर्ट से बरी

अखिल गोगोई को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
राजद्रोह के मामले में अखिल गोगोई बरी
गुवाहाटी:

असम के सामाजिक कार्यकर्ता और विधायक अखिल गोगोई (Akhil Gogoi) को विशेष NIA कोर्ट ने गुरुवार को दूसरे UAPA राजद्रोह के मामले में बरी कर दिया है. गौरतलब है कि गोगोई ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध किया था. तब उन पर राजद्रोह और हिंसा भड़काने का आरोप लगा था. रायजोर दल के प्रमुख और RTI कार्यकर्ता अखिल गोगोई ने इसी वर्ष राज्‍य में हुए विधानसभा चुनाव में शिवसागर सीट पर जीत दर्ज की है. उन्‍होंने बीजेपी की उम्मीदवार सुरभि राजकुंवर और कांग्रेस के शुभ्रमित्र गोगोई को हराया है.

गोगोई को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था.उन्हें UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था. इसी साल मार्च में भी अखिल गोगोई का नाम सुर्खियों में आया था, जब जेल से लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि हिरासत में उन्हें मानसिक एवं शारीरिक यातनाएं दी गई. NIA अधिकारियों ने उन्हें RSS या BJP में शामिल होने पर तत्काल जमानत देने का प्रस्ताव दिया था.

जेल में बंद अखिल गोगोई ने असम की शिवसागर सीट से जीता चुनाव

गौरतलब है कि जेल में बंद अखिल गोगोई ने असम की शिवसागर सीट से चुनाव जीता था. साथ ही इसी साल मार्च में अखिल गोगोई ने जेल से लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि हिरासत में उन्हें मानसिक एवं शारीरिक यातनाएं दी गईं. NIA अधिकारियों ने उन्हें RSS या BJP में शामिल होने पर तत्काल जमानत देने का प्रस्ताव दिया था. एंटी सीएए अभियान के दौरान गोगोई को दिसंबर, 2019 में जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था. असम में हालात बिगड़ रहे थे, जिसके चलते उन्हें 'बचाव के तहत उठाए जा रहे कदम' के तहत गिरफ्तार किया गया था. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack: Pakistan पर फिर होगी Surgical Strike? | News Headquarter
Topics mentioned in this article