विधानसभा चुनाव लड़ने वाले मिजोरम के 11 मंत्रियों में से नौ अपनी सीट बरकरार रखने में विफल रहे और उन्हें जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के उम्मीदवारों से हार का सामना करना पड़ा. भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से सोमवार को यह जानकारी दी गई. मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और उसके हिस्से में सिर्फ 10 सीट आईं, जबकि मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम ने 40 सदस्यीय सदन में 27 सीट हासिल कीं.
जोरमथांगा सरकार में दो राज्य मंत्रियों समेत 12 मंत्री थे. इनमें से गृह मंत्री लालचमलियाना ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा. निर्वाचन आयोग के मुताबिक, मिजोरम के मुख्यमंत्री और एमएनएफ प्रमुख जोरमथांगा आइजोल ईस्ट-प्रथम सीट से जेडपीएम उम्मीदवार ललथनसांगा से 2,101 मतों से हार गए. ललथनसांगा को 10,727 वोट मिले, जबकि जोरमथांगा को 8,626 मत मिले.
मिजोरम के उपमुख्यमंत्री तानलुइया भी चुनाव हार गए. राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आर. लालथंगलियाना को भी साउथ तुईपुई सीट से हार का सामना करना पड़ा। ऊर्जा एवं विद्युत मंत्री आर. लालजीरलियाना भी आइजोल नॉर्थ-प्रथम सीट से चुनाव हार गए.
वहीं, राज्य के कृषि एवं सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले एक अन्य महत्वपूर्ण मंत्री सी.लालरिनसांगा लुंगलेई वेस्ट सीट से चुनाव हार गए.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री के. लालरिनलियाना को भी कोलासिब सीट पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री लालरुतकिमा आईजोल वेस्ट-द्वितीय सीट पर एमएनएफ उम्मीदवार से पांच हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हार गए.
तुइकुम सीट से आबकारी मंत्री लालरिनावमा को भी हार झेलनी पड़ी. राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री टी.जे.लालनुनत्लुआंगा भी अपने निकटतम जेडपीएम उम्मीदवार से हार गए.
एमएनएफ सरकार के जो दो मंत्री चुनाव जीत पाए उनमें स्कूली शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते और पर्यटन राज्य मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रोयते हैं.. इन दोनों ने क्रमश: तुइवावल व हाच्चेक सीट पर जीत हासिल की.
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