मिशन 2024: हारी लोकसभा सीटों को लेकर BJP की खास रणनीति, अब ओडिशा के दौरे पर जेपी नड्डा

हारी हुई सीटों को लेकर एक विस्तृत खाका तैयार किया गया है, जिसमें धर्म और जाति, मतदाताओं के झुकाव और इसके पीछे के कारणों जैसे जनसांख्यिकीय विवरण शामिल हैं.

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जेपी नड्डा ओडिशा में मंडल और बूथ अध्यक्षों और सीटों को संभालने वाली संसदीय टीमों से बातचीत करेंगे.
नई दिल्ली:

वर्तमान में तमिलनाडु का दौरा कर रहे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा बुधवार को एकदिवसीय दौरे पर ओडिशा जाएंगे. जहां वो पार्टी के कई सार्वजनिक कार्यक्रमों और संगठनात्मक बैठकों में भाग लेंगे. जेपी नड्डा पुरी और कंधमाल लोकसभा क्षेत्र में दो जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे. इन सीटों पर भाजपा 2019 में हार गई थी. पार्टी ने कहा कि नड्डा स्थानीय नेताओं, मंडल और बूथ अध्यक्षों, और इन सीटों को संभालने वाली संसदीय टीमों के साथ बातचीत करेंगे. नड्डा ने सितंबर में ओडिशा का दौरा किया था, जहां उन्होंने भुवनेश्वर में एक जनसभा को संबोधित किया था.

इस यात्रा को पिछले लोकसभा चुनाव में हारी गई सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की पार्टी की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है.

जेपी नड्डा और पार्टी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने वो 144 लोकसभा सीट, जो पिछले चुनावों में नहीं जीत सके थे, उन पर जीत हासिल करने के लिए एक रोडमैप तैयार करने को लेकर विचार मंथन सत्र का आयोजन किया था. वहीं बिहार और महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात को देखते हुए अब सीटों की संख्या बढ़ाकर 160 कर दी गई है.

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सूची में वे निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं, जहां भाजपा 2019 में दूसरे या तीसरे स्थान पर रही थी, और कुछ ऐसे भी थे जिन्हें पार्टी ने कभी नहीं जीता था. पार्टी ने इन सीटों को विभाजित कर बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फैले समूहों में और एक केंद्रीय मंत्री को उनके प्रभारी के रूप में नियुक्त किया था.

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मंत्रियों के एक अन्य समूह को इन निर्वाचन क्षेत्रों में सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करके राजनीतिक स्थिति का आंकलन करने का काम सौंपा गया था.

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सूत्रों ने कहा कि मंत्रियों ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति का एक विश्लेषण किया है. उन्हें उन कदमों की भी पहचान करनी थी जो पार्टी 2024 में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए उठा सकती है.

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सूत्रों ने कहा कि इन निर्वाचन क्षेत्रों पर एक विस्तृत खाका तैयार किया गया है, जिसमें धर्म और जाति, मतदाताओं के झुकाव और इसके पीछे के कारणों जैसे जनसांख्यिकीय विवरण शामिल हैं.

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