कश्मीर से केरल तक : NEET एग्जाम खराब हुआ तो लापता हो गया छात्र, 23 दिन में नापा पूरा देश, पिता ने ऐसे दबोचा

कोटा से 23 दिनों से लापता एक छात्र गोवा में मिला है. इस दौरान उसने ट्रेन के जरिए जम्‍मू कश्‍मीर से केरल तक की यात्रा की.

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23 दिनों तक छात्र ने अक्‍सर ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा की. (प्रतीकात्‍मक)
कोटा:

राजस्‍थान (Rajasthan) का कोटा शहर कोचिंग संस्‍थानों के लिए पहचाना जाता है. इन कोचिंग संस्‍थानों में पढ़ने वाले छात्रों पर कई बार दबाव इतना होता है कि पढ़ाई उन्‍हें बोझ लगने लगती है. ऐसा ही कुछ हुआ है एक नीट अभ्‍यर्थी (NEET Aspirant) के साथ, जो पढ़ाई से परेशान होकर न सिर्फ बिना बताए लापता हो गया बल्कि उसने अपने माता-पिता को भेजे टेक्‍स्‍ट मैसेज में कहा कि मैं पांच साल के लिए घर छोड़ रहा हूं. अपने 23 दिनों के सफर के दौरान उसने विभिन्‍न ट्रेनों के जरिए जम्‍मू कश्‍मीर से केरल तक का सफर किया. यात्रा की शुरुआत में उसके पास 11 हजार रुपये थे और जब वह मिला तब भी उसकी जेब में 6 हजार रुपये बाकी थे. यह नीट अभ्‍यर्थी प्रतियोगी मेडिकल परीक्षा देने के एक दिन बाद 6 मई को कोटा से अचानक लापता हो गया था और अब वह अपने पिता को गोवा के एक रेलवे स्‍टेशन पर मिला है. 

जेब में महज 11 हजार रुपये की राशि लेकर निकले 19 साल के राजेंद्र प्रसाद मीणा ने ट्रेनों में बिना टिकट के यात्रा करते हुए यह दिन बिताए. उनके चाचा ने बताया कि राजेंद्र ने अपनी किताबें, मोबाइल फोन और दो साइकिलें बेचकर पैसे जुटाए थे. 

माता-पिता को किया था टेक्‍स्‍ट मैसेज 

पुलिस ने बताया कि मीणा ने 6 मई को अपने माता-पिता को एक टेक्स्ट संदेश भेजा था, जिसमें उसने कहा कि वह आगे पढ़ाई नहीं करना चाहता है और पांच साल के लिए घर छोड़ रहा है. मीणा ने कहा कि उसके पास 8 हजार रुपये हैं और अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने परिवार से संपर्क करेगा. 

नीट अभ्यर्थी के परिवार ने आरोप लगाया है कि कोटा पुलिस ने युवक का पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया. मीणा के चाचा मथुरा लाल ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया कि कोटा पुलिस ने लड़के की तलाश के लिए शहर से बाहर कदम तक नहीं रखा और तकनीकी रूप से उसका पता लगाने में लापरवाही बरती. 

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तलाश के लिए परिवार ने बनाई टीमें 

मथुरा लाल ने कहा कि जिस दिन से वह लापता हुआ था, उसी दिन युवक की तलाश में परिवार ने चार टीमें बनाई थी. प्रत्‍येक टीम में परिवार के तीन सदस्‍य शामिल थे. 

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परिवार के मुताबिक, NEET परीक्षा में खराब प्रदर्शन के बाद मीणा ने फोन को बेच दिया और 6 मई को कोटा छोड़ दिया था. वह पुणे के लिए ट्रेन में सवार हुए और वहां पर दो दिनों तक रहा.  

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पुणे में 1500 रुपये में खरीदा मोबाइल 

पुणे में राजेंद्र प्रसाद मीणा ने 1,500 रुपये में एक सेकेंड-हैंड मोबाइल फोन खरीदा था और अपने आधार कार्ड के जरिए एक सिम लिया था. फिर वह अमृतसर गया और वहां पर स्वर्ण मंदिर पहुंचा. मथुरा लाल ने कहा, इसके बाद वह जम्मू में वैष्णो देवी के लिए रवाना हुआ. 

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उसके चाचा ने आरोप लगाया कि अगर कोटा पुलिस ने कोशिश की होती तो उसका पुणे में ही पता लगाया जा सकता था, जब उसे सिम मिला था. सिम उसके आधार कार्ड से लिंक था.

जम्मू से मीणा आगरा गया और उसने वहां पर ताजमहल देखा. फिर ओडिशा के जगन्नाथपुरी धाम के लिए ट्रेन में रवाना हुआ. मीणा के परिवार ने कहा कि इसके बाद वह तमिलनाडु के रामेश्वरम और कन्‍याकुमारी गया और फिर केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचा.

पिता को गोवा के रेलवे स्‍टेशन पर मिला 

चाचा ने बताया कि इसके बाद वह गोवा चला गया, जहां उसके पिता जगदीश प्रसाद को वह बुधवार सुबह मडगांव रेलवे स्टेशन पर मिला, जब वह ट्रेन पकड़ने वाला था.   

मेडिकल अभ्यर्थी ने बिना टिकट खरीदे ट्रेन के जनरल कोच में यात्रा की और वह 6,000 रुपये बचाने में भी कामयाब रहा. 

मीणा के परिवार की ओर से कोटा के विज्ञान नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.

इस बीच, विज्ञान नगर सर्कल इंस्पेक्टर सतीश चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस टीमों को परिवार के सदस्यों के साथ विभिन्न संदिग्ध स्थानों पर भेजा गया था. 

परिवार ने की सीसीटीवी फुटेज की जांच 

उन्होंने बताया कि पिता और दो चचेरे भाई मीणा की तलाश के लिए गोवा गए और उसे मडगांव रेलवे स्टेशन पर पाया.  उन्होंने कहा कि युवक को परिवार को सौंप दिया गया. 

चाचा ने कहा, "वह पहचान में नहीं आ रहा था, लेकिन जब उसके पिता ने उसे बुलाया  तो उसने स्वाभाविक रूप से तुरंत जवाब दिया."

उन्होंने कहा कि परिवार ने सार्वजनिक स्थानों और रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की और मीणा की गतिविधियों के बारे में पता लगाया. 

उन्होंने कहा कि अब उन्होंने लड़के से कहा है कि वह जो चाहे करे और घर पर रहे. 

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