राष्ट्रीय अल्पसंख्यक (Minorities Commission) आयोग ने पंजाब (Punjab) पुलिस द्वारा गिरफ्तार (Arrested) किए जाने के दौरान भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को ‘पगड़ी नहीं पहनने देने' को लेकर राज्य सरकार से सात दिनों के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. आयोग की ओर से पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पांच मई को जब पुलिस ने बग्गा को गिरफ्तार किया तो ‘उस समय उन्हें पगड़ी नहीं पहनने दी गयी जो एक सिख के धार्मिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.'
उसने कहा कि आयोग ने इस कथित घटना के संदर्भ में आई खबरों का संज्ञान लिया है और ऐसे में उसे सात दिनों के भीतर यानी 14 मई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट मुहैया कराई जाए. उल्लेखनीय है कि भाजपा की दिल्ली इकाई के नेता बग्गा को पंजाब पुलिस ने पांच मई को उनके घर से गिरफ्तार किया था, जिन्हें पंजाब ले जाते समय हरियाणा में रोक दिया गया और घंटों बाद दिल्ली पुलिस उन्हें वापस राष्ट्रीय राजधानी लाई. इस घटना को लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
बीजेपी ने पंजाब पुलिस पर अपने नेता का ‘‘अपहरण' करने का आरोप लगाया है. बग्गा, अरविंद केजरीवाल की मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने आप प्रमुख पर राज्य पुलिस के जरिये बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है. आप ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बग्गा को पंजाब में सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं, दिल्ली पुलिस ने बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज किया.
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