गृह मंत्रालय ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च का FCRA लाइसेंस किया सस्पेंड, IT सर्वे के बाद हो रही थी जांच

अधिकारियों के अनुसार, CPR के दानदाताओं में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, विश्व संसाधन संस्थान और ड्यूक यूनिवर्सिटी शामिल हैं.

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नई दिल्‍ली:

गृह मंत्रालय ने कानूनों के उल्लंघन पर प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च' (CPR) का एफसीआरए लाइसेंस सस्‍पेंड कर दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान के बाद सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया जांच के घेरे में था. अधिकारियों ने बताया कि कानूनों के उल्लंघन के आरोप में सीपीआर का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.

विदेश से कोई धन प्राप्त नहीं कर पाएगा CPR

ऑक्सफैम का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद गैर सरकारी संगठन ने गृह मंत्रालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी. विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (Foreign Contribution Regulation Act/FCRA) के तहत दिए गए लाइसेंस के निलंबन के साथ, सीपीआर विदेश से कोई धन प्राप्त नहीं कर पाएगा. 

स्पष्टीकरण और दस्तावेज देने के लिए कहा गया

अधिकारियों के अनुसार, CPR के दानदाताओं में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, विश्व संसाधन संस्थान और ड्यूक यूनिवर्सिटी शामिल हैं. बता दें, CPR, एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे इंडियन काउंसिल फॉर सोशनल साइंस रिसर्च (ICSSR) से भी अनुदान (Grant) प्राप्त होता है. ICSSR विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक मान्यता प्राप्त संस्था है. CPR को एफसीआरए फंड के बारे में स्पष्टीकरण और दस्तावेज देने के लिए कहा गया है. CPR का एफसीआरए लाइसेंस आखिरी बार, वर्ष 2016 में नवीनीकृत किया गया था और 2021 में नवीनीकरण के लिए देय था. CPR की वेबसाइट के अनुसार, यह 1973 से भारत की अग्रणी सार्वजनिक नीति थिंक-टैंक में से एक है.

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