इस बार अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास "बिल्कुल अलग" है: सीमा के पास अभ्यास पर भारत

नई दिल्ली में एक साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों पक्षों को अतीत के समझौतों पर टिके रहना चाहिए. भारत-चीन सीमा पर आगामी भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास आयोजन करने के मुद्दे पर चीन के विरोध के जवाब में उन्होंने कहा.

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चीन ने प्रस्तावित भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास को लेकर अपना विरोध दर्ज किया.
नई दिल्ली:

नई दिल्ली: भारत-अमेरिका के आगामी संयुक्त सैन्य अभ्यास के मद्देनज़र चीन ने अपना विरोध दर्ज किया है और कहा है कि भारत-चीन सीमा विवाद में किसी तीसरे जेश को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है. इस पर भारत ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैन्य अभ्यास "पूरी तरह से अलग" है. एक साप्ताहिक प्रेस में बोलते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों पक्षों को अतीत के समझौतों पर कायम रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मैं तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के संदर्भ को नहीं समझ रहा हूं. भारत-अमेरिका अभ्यास पूरी तरह से अलग है और मुझे नहीं पता कि इसे क्या रंग दिया गया है. यह बयान लक्षित है और समझौतों का उल्लंघन है."

चीन ने अक्टूबर में विवादित चीन-भारत सीमा के पास भारत और अमेरिका के बीच होने वाले युद्ध अभ्यास का गुरुवार को कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय सीमा मुद्दे में हस्तक्षेप है और नई दिल्ली और बीजिंग के बीच समझौतों का उल्लंघन है कि कोई सैन्य अभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास आयोजित नहीं किया जाएगा.”

चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) के प्रवक्ता सीनियर कर्नल टैन केफेई ने गुरुवार को बीजिंग में एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम चीन-भारत सीमा मुद्दे में किसी भी तीसरे पक्ष के किसी भी रूप में दखल देने के प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं." चीन-भारत सीमा के पास अमेरिका-भारत संयुक्त सैन्य अभ्यास पर उनका कहना था.

प्रवक्ता ने कहा, “चीन-भारत सीमा मुद्दा दोनों देशों के बीच का मामला है, दोनों पक्षों ने सभी स्तरों पर असरदार संचार बनाए रखा है और द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से स्थिति को ठीक से संभालने पर सहमत हुए हैं.” टैन ने जोर देकर कहा,”1993 और 1996 में चीन और भारत द्वारा जिस समझौते पर दस्तखत किए गए थे उसके मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास के क्षेत्रों में किसी भी पक्ष को दूसरे के खिलाफ सैन्य अभ्यास करने की अनुमति नहीं है.”

भारत और अमेरिका उत्तराखंड के औली क्षेत्र में चीन सीमा के पास युद्धाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. अधिकारी ने कहा कि अभ्यास 18 से 31 अक्टूबर तक उन पहाड़ी इलाकों में होगा जहां पिछले दो वर्षों में सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती हुई है.

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ताइवान मुद्दे के कारण अमेरिकी का चीन के साथ तनावपूर्ण संबंध जारी है जबकि भारतीय सेना मई 2020 से सीमा विवाद को लेकर चीनी फौज के आमने सामने डट कर खड़ी है. यह दोनों पक्षों के बीच 18वां युद्धाभ्यास होगा.

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