अटकलबाजी से बचें.. नौगाम पुलिस स्टेशन में रखे विस्फोटक में कैसे हुआ धमाका, सरकार ने बताया

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  • नौगाम पुलिस स्टेशन में रखे विस्फोटक में अचानक धमाका हुआ था, जिसमें नौ लोगों की मौत हुई है.
  • धमाका एक्सीडेंटल था और इसमें विस्फोटक सामग्री को जांच के लिए थाने के बाहर रखा गया था.
  • विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद से जब्त की गई थी और इसमें अमोनियम नाइट्रेट होने का शक है.
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कश्‍मीर के नौगाम ब्‍लास्‍ट पर गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है. इसमें इस घटना की पूरी जानकारी दी गई है और साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी तरह की अटकलबाजी से बचा जाना चाहिए. मामले की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने खुद ये बयान हिंदी और अंग्रेजी में जारी किया. 

नौगाम ब्लास्ट पर क्या बताया गया

  1. गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि 14 नवंबर की रात लगभग 11:20 बजे पुलिस स्टेशन परिसर में एक बड़ा आकस्मिक विस्फोट हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 पुलिसकर्मी, 2 राजस्व अधिकारी और 3 नागरिक घायल हुए हैं. घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है. लोखंडे ने कहा कि घटना को लेकर अन्य अटकलें निराधार हैं.
  2. प्रशांत लोखंडे ने कहा कि नौगाम पुलिस स्टेशन ने हाल ही में एक पोस्टर से मिली जानकारी के आधार पर एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. इसी मामले से संबंधित एफआईआर संख्या 162/2025 की जांच के दौरान भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और रसायन बरामद किए गए थे. इन विस्फोटकों को पुलिस स्टेशन के खुले क्षेत्र में मानक प्रक्रिया के तहत सुरक्षित रूप से रखा गया था.उन्होंने कहा कि जांच में शामिल सभी एजेंसियां पूरी तरह समन्वित ढंग से और वैज्ञानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए काम कर रही थीं. बरामद रासायनिक और विस्फोटक सामग्री के नमूने आगे फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजे जा रहे थे. भारी मात्रा में विस्फोटक होने के कारण यह प्रक्रिया पिछले दो दिनों से लगातार जारी थी.
  3. विस्फोटकों की संवेदनशील और अस्थिर प्रकृति को देखते हुए विशेषज्ञों की निगरानी में पूरी सावधानी बरती जा रही थी. इसके बावजूद 14 नवंबर की रात लगभग 11:20 बजे एक आकस्मिक विस्फोट हो गया, जिससे पुलिस स्टेशन की इमारत को भारी नुकसान पहुंचा और आसपास की कई इमारतें भी प्रभावित हुईं. संयुक्त सचिव लोखंडे ने स्पष्ट किया कि घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है और इसको लेकर फैल रही अन्य अटकलें पूरी तरह अनावश्यक और निराधार हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इस दुखद समय में मृतकों के परिजनों के साथ एकजुटता से खड़ी है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती है.

विस्‍फोटक का कवर बनाने वाले दर्जी की भी मौत

इससे पहले कश्‍मीर के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि मारे लोगों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है. कई शवों की शिनाख्‍त अभी तक नहीं हुई है. धमाके की वजह से कई कारों में आग लग गई. मरनवालों की संख्‍या में अभी और इजाफा हो सकता है. कश्‍मीर के एक निवासी ने बताया कि नौगाम थाने में हुए धमाके में स्थानीय दर्जी की भी विस्फोट में मौत हो गई है. इस दर्जी को विस्फोटक सामग्री ढकने के लिए कवर बनाने का काम दिया गया था. विस्‍फोट के दौरान इस दर्जी की मौत हो गई.

कैसे हुआ कश्‍मीर के थाने में ब्‍लास्‍ट?  

कश्‍मीर में कुछ दिनों पहले एक डॉक्‍टर को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी निशानदेही पर फरीदाबाद से लगभग 2900 किलोग्राम विस्‍फोटक जब्‍त किया गया था. इसके अमोनियम नाइट्रेट होने का शक है. जम्मू-कश्मीर पुलिस 360 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री फरीदाबाद से डॉ. मुज़म्मिल गनई के किराए के आवास से जब्त करके लेकर आई थी. गनई इस आतंकी मॉड्यूल मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए आठ लोगों में से एक है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एफएसएल टीम की टीम इस विस्‍फोटक पद्धार्थ के सेंपल इकट्ठा कर रही थी. इसी दौरान इसमें धमाका हो गया. घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए 92 बेस अस्पताल ले जाया गया है. 

डीजीपी ने क्या कुछ बताया

जम्मू कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने बताया कि ये धमाका आकस्मिक था और इसमें और किसी भी तरह की अन्य अटकलें बेकार हैं. इस हादसे में कुल 9 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 1 SIA अधिकारी, 3 FSL कर्मी, 2 फोटोग्राफर, 2 राजस्व अधिकारी और 1 दर्जी शामिल हैं. इसके अलावा 27 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 3 आम नागरिक भी हैं.

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