ड्रग डीलर की मर्सिडीज कार में फरार हुआ अमृतपाल सिंह, बड़ी संख्या में जमा किए हथियार : सूत्र

अमृतपाल सिंह को शनिवार को मर्सिडीज एसयूवी में तेजी से जाते हुए देखा गया था. बताया जा रहा है कि ये कार अमृतपाल सिंह को ड्रग डीलर ने उपहार में दी थी. इसी कार में वह शहर में चक्‍कर लगाता था.

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अमृतपाल सिंह ने कार को छोड़ दिया और पुलिस को चकमा देने के लिए बाइक पर सवार हो गया
नई दिल्‍ली:

अमृतपाल सिंह की तलाश जारी है. शीर्ष सरकारी सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को शनिवार से पंजाब में बड़े पैमाने पर तलाशा जा रहा है. उसने बड़ी संख्या में हथियार जमा किए, युवा सिख पुरुषों को नशामुक्त करने के लिए नशामुक्ति केंद्र चलाए और एक ड्रग डीलर द्वारा उपहार में दी गई मर्सिडीज एसयूवी का इस्तेमाल किया. पंजाब में अर्धसैनिक बल के सैकड़ों जवान फैल गए हैं और अमृतपाल सिंह की तलाश में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अमृतपाल सिंह को शनिवार को मर्सिडीज एसयूवी में तेजी से जाते हुए देखा गया था. हालांकि, बाद में अमृतपाल सिंह ने कार को छोड़ दिया और पुलिस को चकमा देने के लिए बाइक पर सवार हो गया.

अमृतपाल सिंह जिस मर्सिडीज कार में फरार हुआ, वो कथित तौर पर एक ड्रग डीलर रवेल सिंह द्वारा उपहार में दी गई थी. वह अक्सर एसयूवी में शहर के चारों ओर घूमता था और सनरूफ से लोगों को हाथ हिलाते हुए नजर आता था. केंद्र सरकार अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत आरोप लगाने की तैयारी कर रहा है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जल्द ही इस मामले को अपने हाथों में ले सकती है. 

1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले के बाद अब तक की जांच में "भिंडरावाले 2.0" के नाम से जाने जाने वाले व्यक्ति के बारे में परेशान करने वाले तथ्य सामने आए हैं. अमृतपाल सिंह, एक कट्टरपंथी उपदेशक, कथिततौर पर नशामुक्ति केंद्रों से युवाओं का एक "निजी मिलिशिया" बना रहा था, जिसका इस्तेमाल कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने या हिंसक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए किया जाता था.

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नशामुक्ति केंद्रों का कथित रूप से पाकिस्तान से अवैध रूप से प्राप्त हथियारों को जमा करने के लिए भी उपयोग किया जाता था. अब तक की जांच से पता चलता है कि अमृतपाल सिंह के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध हैं, जिसने उसे ड्रग्स का कारोबार चलाने में मदद की. सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह के वारिस पंजाब दे संगठन ने नशामुक्ति केंद्रों में कट्टरपंथी, हिंसक सोच पैदा करने की कोशिश की. 

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सूत्रों ने यह भी कहा कि अमृतपाल सिंह ने कम गुणवत्ता वाली, सस्ती दवाओं की खरीद की, दवाओं पर एक व्यक्ति की निर्भरता को बढ़ाया और उन्हें अधिक लचीला बनाया. अमृतपाल सिंह कथित तौर पर आईएसआई के साथ अनुबंध में आया था, जब वह दुबई में एक ट्रक चालक के रूप में काम करता था. सूत्रों का कहना है कि आईएसआई ने उसे पंजाब जाने और धर्म के नाम पर युवाओं को भड़काने के लिए कहा था.

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि जब से अमृतपाल सिंह पंजाब में उतरे हैं, सीमा पार से ड्रग्स ले जाने वाले ड्रोनों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स लाने में उनकी कोई भूमिका है या नहीं. अमृतपाल सिंह के दुबई में जसवंत सिंह रोडे के साथ भी संबंध थे, जिनके भाई लखबीर सिंह रोडे कथित रूप से पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स लाने में शामिल थे. सूत्रों ने कहा कि उनके लंदन स्थित सहयोगी अवतार सिंह खंडा कथित तौर पर एक डीलर परमजीत सिंह पम्मा को जानते थे, जो भारत में ड्रग्स भेजता था.

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि वे अमृतपाल सिंह के पाकिस्तान में स्थित सीमा पार के ड्रग डीलरों के साथ संबंधों के सबूत भी जुटा रहे हैं.

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