महबूबा मुफ्ती को पुंछ में मारे गए तीन नागरिकों के परिवारों से मिलने से रोका गया, विरोध प्रदर्शन

पुंछ के सुरनकोट में 21 दिसंबर को आतंकवादियों के हमले में चार सैनिक मारे गए थे, मामले में सेना तीन नागरिकों को बाद में पूछताछ के लिए ले गई थी, जो अगले दिन मृत मिले थे.

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पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने धरना दिया और मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने की अनुमति दी जाए.
पुंछ/जम्मू:

पुलिस ने शनिवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पिछले हफ्ते पुंछ में आतंकवादी हमले के पश्चात सेना द्वारा पूछताछ के लिए ले जाने के एक दिन बाद मृत पाए गए तीन लोगों के परिवारों से मिलने से रोक दिया. उनके सहयोगियों ने इसकी जानकारी दी.

पुंछ के सुरनकोट इलाके में 21 दिसंबर को आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक मारे गए और तीन अन्य घायल हो गए. मामले में सेना तीन नागरिकों सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को बाद में पूछताछ के लिए ले गई थी, जो अगले दिन मृत मिले थे.

पीडीपी नेताओं ने कहा कि मुफ्ती को पार्टी के अन्य सहयोगियों के साथ बफलियाज के पास डेरा की गली में पुलिस ने रोक लिया और उन्हें पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए टोपा पीर गांव की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने बताया कि पीडीपी प्रमुख ने धरना दिया और मांग की कि उन्हें गांव का दौरा करने की अनुमति दी जाए. हाल में बीजेपी अध्यक्ष रवींदर रैना को पीड़ित परिवारों से मिलने की अनुमति देने के मद्देनजर महबूबा ने उन्हें वहां जाने से रोकने के फैसले पर सवाल उठाया.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले हफ्ते मृत नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की थी और कहा था कि चिकित्सा-कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और इस मामले में उचित प्राधिकारी द्वारा कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

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सेना ने तीन नागरिकों की मौत की गहन आंतरिक जांच का आदेश दिया है और कहा है कि वह जांच के संचालन में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है.

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