मेघालय (Meghalaya) की पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध खदान में पिछले 12 दिनों से पांच मजदूर फंसे हुए हैं. इस खदान में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी भर गया था. अब मेघालय सरकार ने भारतीय नौसेना की मदद मांगी है. मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि हमने रक्षा मंत्रालय को बचाव अभियान में सहायता के लिए नौसेना के गोताखोर उपलब्ध कराने के लिए लिखा है." उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फंसे हुए खनिकों को बचाने के लिए सभी विकल्प तलाश रही है.
संगमा ने कहा कि बचाव अभियान बहुत कठिन है. जिला प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ सहित अन्य एजेंसियों के सभी प्रयासों के बावजूद कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल सेवा के कुल 100 बचावकर्मी जलस्तर के लगभग 10 मीटर गहराई तक नीचे आने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि वे इतने पानी में ऑपरेशन नहीं कर सकते.
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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में राज्यभर में रैट-होल कोयला खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अभी भी राज्य में आदेश का उल्लंघन कर अवैध खनन हो रहा है. पुलिस ने कोयला खदान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने वाले एनजीटी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. मेघालय में लगभग 560 मिलियन टन कोयले का भंडार होने का अनुमान है. असम और त्रिपुरा के अवैध प्रवासी मजदूर ही खनन गतिविधियों में लगे हुए हैं. पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में अवैध खनन के दौरान हादसे की ये दूसरी घटना है. इस साल जनवरी में जिले में एक कोयला खदान के अंदर काम करने के दौरान छह लोगों की मौत हो गई थी.