"वे दिन बीत गये जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे..." : UN में विदेश मंत्री एस जयशंकर

एस जयशंकर ने यूएन महासभा में कहा कि अब वे दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनके साथ आ जाएंगे.

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विदेश मंत्री एस जयशंकर.
नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्व इस वक्त उथल-पुथल का असाधारण दौर देख रहा है. कूटनीति और बातचीत से ही तनाव घट सकते हैं. उन्होंने ने कहा कि अब वे दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनके साथ आ जाएंगे.

एस जयशंकर ने कहा कि भारत का 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का दृष्टिकोण केवल कुछ लोगों के संकीर्ण हितों पर नहीं, बल्कि कई लोगों की प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करता है. उन्होंने कहा कि जब हम अग्रणी शक्ति बनने की आकांक्षा रखते हैं तो ये आत्म-प्रशंसा के लिए नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी उठाने और अधिक योगदान करने के लिए होती है.

विदेश मंत्री ने कहा कि गुटनिरपेक्षता के युग से, हम अब विश्व मित्र (दुनिया के लिए एक मित्र) के युग में विकसित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जी20 में अफ्रीकी संघ के शामिल होने से संयुक्त राष्ट्र को सुरक्षा परिषद को भी समसामयिक बनाने की प्रेरणा मिलनी चाहिए.

विदेश मंत्री ने कहा कि जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल किये जाने से संयुक्त राष्ट्र को भी सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने की प्रेरणा मिलनी चाहिए. गुट निरपेक्ष के युग से निकलकर अब हमने 'विश्व मित्र' की अवधारणा विकसित की है.

विदेश मंत्री ने कहा कि हमें सबसे कमजोर लोगों पर ध्यान केंद्रित करनी चाहिए. हमने वैश्विक दक्षिण पर ध्यान केंद्रित करके इसकी शुरुआत की. जी20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया. 

उन्होंने कहा कि आर्थिक गलियारा, जैव ईंधन - खुले दिमाग से काम करने की ये इच्छा अब एक बहुध्रुवीय दुनिया की एक परिभाषित विशेषता है. भारत तुर्की या सीरिया में आई आपदाओं में सबसे पहले सहयोग करने के रूप में आगे बढ़ा. जब श्रीलंका पर आर्थिक संकट आया तो भारत मदद के लिए आगे आया. प्रशांत द्वीप समूह जैसे साझेदारों ने जलवायु कार्रवाई, भोजन और अन्य क्षेत्रों में हमारी मदद की सराहना की है.

जयशंकर ने कहा कि हमारे विचार-विमर्श में, भारत नियम-आधारित आदेश की वकालत करता है. इसमें समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान भी शामिल है. उन्होंने कहा कि जब चंद्रयान चंद्रमा पर उतरा तो दुनिया ने भारत में भविष्य की झलक देखी.
 

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