बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि पार्टी सुप्रीमो मायावती ने फिलहाल उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है. मिश्रा ने मंगलवार को कहा, ''फिलहाल पार्टी का यही निर्णय है कि बहन जी और मैं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि, आगे का फैसला बहन जी खुद करेंगी.'' उन्होंने कहा, ''पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित कई राज्यों में चुनाव हो रहा है. बहन जी चुनाव लड़वाने का काम कर रही हैं. मायावती ने हमें जो दिशा-निर्देश दिए हैं, उनके आधार पर ही हम इन राज्यों में चुनावी तैयारियां कर रहे हैं.''
बसपा के राज्यसभा सदस्य मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर बसपा अकेले दम पर बिना किसी गठबंधन के प्रत्याशी उतारेगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. पंजाब में बसपा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी.
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उन्होंने कहा, ''हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. मैं अभी राज्यसभा का सदस्य हूं. इसलिए मैं भी चुनाव नहीं लड़ रहा हूं.' मिश्रा ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने वाली है और मायावती पांचवीं बार राज्य की मुख्यमंत्री बनेंगी.
बसपा सुप्रीमो मायावती पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने 1997, 2002 और 2007 में भी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. 2007 में वह विधानपरिषद की सदस्य थी. वहीं, 1996 में मायावती ने बंदायू के बिल्सी और सहारनपुर जिले की हरोंदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. बाद में उन्होंने बिल्सी सीट छोड़ दी थी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटीं मायावती ने नवंबर, 2021 में अपनी पिछली सरकार की उपलब्धियों का फोल्डर जारी करते हुए वादा किया था कि अगर ''उत्तर प्रदेश की जनता 2022 में फिर से बसपा को सरकार बनाने का मौका देती है तो प्रदेश में विकास और जनहित के वैसे ही काम किए जाएंगे, जैसे पहले हुए हैं.''
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बसपा ने 2007-12 तक अकेले दम पर उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार चलायी थी, लेकिन 2012 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी.
बसपा अध्यक्ष ने कहा था कि अन्य राजनीतिक दलों की तरह उनकी पार्टी चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं करती है क्योंकि वह ‘‘बड़े-बड़े दावे करने में नहीं बल्कि काम करने'' में यकीन करती है.
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