किसान आंदोलन को लेकर BJP पर बरसे अखिलेश यादव, मायावती ने कही ये बात

तीन नए कृषि कानूनों (Farm Law 2020) को लेकर एक तरफ जहां किसान ट्रैक्टर रैली (Farmer Tractor Rally) की तैयारियों में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दलों की तरफ से भी सत्ताधारी दल BJP पर प्रहार जारी है.

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BJP, किसान के खिलाफ निम्न कोटि का षड्यंत्र कर रही है: अखिलेश यादव
नई दिल्ली:

तीन नए कृषि कानूनों (Farm Law 2020) को लेकर एक तरफ जहां किसान ट्रैक्टर रैली (Farmer Tractor Rally) की तैयारियों में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक दलों की तरफ से भी सत्ताधारी दल BJP पर प्रहार जारी है. कृषि कानूनों के लेकर सपा और बसपा ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी किसानों के साथ षड्यंत्र कर रही है. यादव ने ट्विटर पर ''गणतंत्र दिवस महाघोषणा'' पत्र भी जारी किया. इसमें उन्होंने आरोप लगाया है, 'आज हमारे देश में संविधान, गणतंत्र-लोकतंत्र, आजादी, सब खतरे में है.' 

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सपा अध्‍यक्ष ने सोमवार को ट्वीट किया, ''''गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड रोकने के लिए ट्रैक्टरों को पंपों पर डीजल नहीं दिए जाने के निर्देश की खबर मिली है. भाजपा, किसान के खिलाफ निम्न कोटि का षड्यंत्र कर रही है. 'इसके अलावा, यादव ने टि़वटर पर ''गणतंत्र दिवस महाघोषणा'' पत्र को भी साझा किया है. इसमें उन्हंने कहा ह‍ै, ''''आज हमारे देश में संविधान, गणतंत्र-लोकतंत्र, आजादी सब खतरे में है, इसलिए इस गणतंत्र दिवस पर सपा नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए, नये संकल्‍प लेकर, एक नयी घोषणा करने जा रही है। नयी हवा है, नयी सपा है, बड़ों का हाथ, युवा का साथ.'' 

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अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा 'आइए घृणा और अवश्विास के स्‍थान पर मिल जुलकर परस्‍पर प्रेम और आपसी विश्‍वास से समाज, प्रदेश और देश को मजबूत करें.'  पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पत्र में आगे लिखा है, ''''हमारा प्रेरणा वाक्‍य है ‘विकास सच्‍चा और काम अच्‍छा'' एवं ''शांति और सौहार्द'' हमारा मूलमंत्र है. उन्होंने लिखा कि हम सब जानते हैं कि एकता के बिना शांति नहीं होती और शांति के बिना विकास नहीं होता, इसलिए आइए हम सब हर बह‍कावे-भटकावे से बचकर एकजुट होकर आगे बढ़ें और अमन-चैन के लिए हर संभव कोशिश करें.'' 

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वहीं दूसरी तरफ मायावती (Mayawati) ने केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई है. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. मायावती ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए नए कृषि कानूनों को जरूर वापस लेना चाहिए ताकि गणतंत्र दिवस पर किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं हो. 

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बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया, "बसपा का केंद्र सरकार से फिर से अनुरोध है कि आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए, खासकर तीन कृषि कानूनों को जरूर वापस लेना चाहिए ताकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं हो और न ही दिल्ली पुलिस की आशंका के मुताबिक कुछ गलत या कोई अनहोनी हो सके." बसपा अध्यक्ष मायावती पहले भी केंद्र सरकार से किसानों के हित में नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर चुकी हैं. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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