मशहूर इस्लामिक स्कॉलर व ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना कल्बे सादिक का देहांत मंगलवार को रात 10 बजे के करीब लखनऊ के ईरा मेडिकल कॉलेज में हो गया. यह जानकारी उनके बेटे सिब्तेन नूरी ने मीडिया से मुखातिब होकर दी. उनकी तबियत काफी वक्त से खराब चल रही थी जिसके चलते वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. इससे पहले भी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वे काफी समय तक अपना इलाज करवाते रहे जहां उनसे मिलने देश के मौजूदा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत कई दिग्गज पहुंचे थे.
लखनऊ के इमामबाड़ा गुफरानमाब में होगी तदफीन
81 साल की उम्र में मौलाना कल्बे सादिक का निधन हुआ. उनके परिवार और तौहीदुल मुस्लमीन ट्रस्ट ने एक नोट जारी करते हुए बताया कि बुधवार को सुबह 10 बजे यूनिटी कॉलेज में मौलाना कल्बे सादिक के पार्थिव शरीर को रखा जाएगा. वहां सब उनके आखिरी दर्शन कर सकेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे. इसके बाद 11.30 बजे सुबह उनकी नमाज़ ए जनाज़ा पढ़ाई जाएगी और करीब दो बजे उन्हें चौक में मौजूद इमामबाड़ा गुफरानमाब में सुपुर्द ए खाक कर दिया जाएगा.
हमेशा इंसानियत का देते थे पैगाम
मौलाना कल्बे सादिक का जन्म लखनऊ में 22 जून 1939 को हुआ था. उन्होंने एएमयू से मास्टर डिग्री की और लखनऊ यूनिवर्सिटी से पीएचडी अरेबिक लिटरेचर में की. उनके पिता खुद इस्लामिक स्कॉलर थे. कल्बे सादिक हमेशा हक के रास्ते पर चलते थे. उन्होंने मुस्लिम स्कॉलर होने के साथ-साथ इंसानियत का पैगाम हमेशा दिया. कल्बे सादिक लखनऊ में ईरा मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष भी थे. उनके इस कॉलेज से निकले ना जाने कितने छात्र आज ऊंचे पदों पर तैनात हैं. वे गरीब लोगों के साथ हमेशा खड़े मिलते थे. हर धर्म के लोग उनकी बहुत इज्ज़त करते थे.
इराक के नजफ में रह रहे आयतुल्लाह अली सिस्तानी के भारत में वकील मौलाना कल्बे सादिक थे. उनकी पूरा शिया समुदाय बहुत इज्ज़त करता था. साथ ही राजनैतिक पार्टियों के नेता भी मौलाना की बहुत इज्ज़त करते थे. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भी मौलाना कई दिनों तक भर्ती रहे थे. उनसे मिलने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्तार अब्बास नकवी आदि पहुंचे थे.