दिल्ली और कर्नाटक सहित कई अन्य राज्य ग्लोबल टेंडर के जरिए करेंगे वैक्सीन की खरीदी

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा ने पहले ही ग्लोबल टेंडर का विकल्प चुन लिया है

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

दिल्ली सहित दक्षिण भारत के कुछ राज्यों ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन (Vaccine) की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर (Global Tender) का सहारा लेने  का रास्ता चुन लिया है क्योंकि वैक्सीन की घरेलू आपूर्ति बढ़ती मांग को पूरा करने में विफल रही है. महामारी की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा ने पहले ही इस विकल्प को चुन लिया है. केंद्र का कहना है कि वह अब भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 18 करोड़ से अधिक डोज मुफ्त में दे रहा है. राज्यों को अगले तीन दिनों में 7,29,610 अतिरिक्त डोज दी जाएंगी.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि "अभी भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास 90 लाख से अधिक COVID वैक्सीन के डोज उपलब्ध हैं."

फिर भी कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अभी भी वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. कई राज्य अब पहली डोज से अधिक, यह डोज ले चुके लोगों को दूसरी डोज देने को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि वैक्सीन का प्रभाव खत्म न हो जाए.

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कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री और राज्य कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख सीएन अश्वथ नारायण ने कहा, "अब तक हम केंद्र द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन पर निर्भर थे ... अब हमें टेंडर जारी करने और सात दिनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है." उनका राज्य 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाने के लिए दो करोड़ डोज खरीदेगा.

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आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित केंद्र राज्य सरकारों को ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करने के लिए "मजबूर" कर रहा था. सिसोदिया ने कहा, "केंद्र सरकार ने एक सवाल उठाया ... कि हम वैक्सीन की खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर क्यों नहीं पास कर पाए हैं. केंद्र पहले से ही वैक्सीन का निर्यात कर रहा था जो कि भारत में इस्तेमाल की जा सकती थी. अब वह राज्यों के बीच कलह पैदा कर रहा है." 

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उन्होंने कहा कि "अगर राज्यों को वैश्विक निविदाओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन खरीदने के लिए कहा जाता है तो सबसे बड़े और संपन्न राज्य अधिकतम संख्या में वैक्सीन की डोजों की गलत तरीके से खरीद करेंगे. इससे उनके बीच झगड़े होंगे..."

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र को लिखे पत्र में,मांग की है कि सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के टीके के फार्मूले को उत्पादन बढ़ाने के लिए अन्य कंपनियों के साथ साझा किया जाए.

वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी मार्लेना ने कहा था कि यदि वैक्सीन का स्टाक नहीं आया तो दिल्ली में कोवैक्सीन 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को जिन केंद्रों पर दी जा रही है वे मंगलवार की शाम के बाद बंद कर दिए जाएंगे.

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना कोविड टीकों के लिए ग्लोबल टेंडर बुलाने की तैयारी में लगे हुए हैं. राज्य के प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अनिल कुमार सिंघल के अनुसार आंध्र प्रदेश सरकार विदेशी निर्माताओं से वैक्सीन डोज लेने के लिए एक या दो दिन में संपर्क करने के लिए तैयार है.

सिंघल ने कहा कि "हम पहले ही स्पुतनिक वी वैक्सीन की खरीद के लिए एक आर्डर दे चुके हैं, लेकिन स्थानीय निर्माता डॉक्टर रेड्डीज़ लैबोरेटरीज ने कहा है कि वह उत्पादन क्षमता का आकलन करने के बाद 15 मई को आपूर्ति की स्थिति बता देगा."

उत्तर प्रदेश ने पहले ही चार करोड़ डोज की खरीद की प्रक्रिया को हरी झंडी दिखा दी है. पीटीआई के अनुसार वह सीधे तौर पर स्पुतनिक वी जैसे टीकों की खरीद कर सकता है, जो कि मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा विकसित किए गए हैं.

ओडिशा के मुख्य सचिव एससी महापात्र ने कहा कि "ऐसा महसूस किया जाता है कि लोगों के कीमती जीवन की सुरक्षा के लिए पूर्ण टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है. इसलिए कैबिनेट ने राज्य सरकार को ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करने और जल्द से जल्द टीके लगाने की अनुमति दी है"

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