राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं का धरना तेज, गिरफ्तारियों के विरोध में पुलिस स्टेशन के बाहर डटे

Farmers Protest Haryana : हरियाणा सरकार के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र सिंह बबली (Haryana MLA Devendra Singh Babli) का घेराव करने के मामले में दो किसान नेताओं को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था.

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Haryana News: राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने इन नेताओं की रिहाई की मांग उठाई है
फतेहाबाद:

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना कस्बे में किसान नेताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है. ये किसान नेता (Haryana Farmers leaders) जेजेपी विधायक कृषि कानूनों के विरोध में देवेंद्र सिंह बबली का घेराव करके बैठे किसान नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं और उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने विधायक (Haryana MLA Devendra Singh Babli) के घर का घेराव करने के मामले में दो किसान नेताओं को विकास सिसार और रवि आजाद को बुधवार रात गिरफ्तार किया था. इसके बाद बड़ी संख्या में किसान राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ( Rakesh Tikait, Gurnam Singh Chaduni) और यूनाइटेड किसान मोर्चा नेता योगेंद्र यादव के नेतृत्व में टोहाना पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठे हैं.

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शनिवार रात से धरना दे रहे  इन किसान नेताओं की मांग गिरफ्तार नेताओं को रिहा करने की है. विधायक ने शनिवार को किसान नेताओं के साथ टकराव के दौरान अभद्र शब्दों के इस्तेमाल पर माफी भी मांगी थी. टिकैत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान गलत शब्दों के इस्तेमाल को लेकर विधायक की माफी तो स्वीकार कर ली थी, लेकिन किसान नेताओं की रिहाई पर अड़ गए. विधायक का कहना है कि उन्होंने किसान नेताओं के खिलाफ मामला वापस ले लिया है और अपना बयान वापस लेते हैं और उनकी ओर से मामला खत्म हो चुका है.

ANI से टिकैत ने कहा, हमने प्रशासन से जेल भेजे गए सहयोगी किसान नेताओं की रिहाई की मांग की और इसको लेकर प्रशासन से उनके खिलाफ मुकदमों को वापस लेने की मांग की. लेकिन इस बात पर वे सहमत नहीं हुए. हम किसान नेताओं की रिहाई तक धरना जारी रखेंगे. हमारी मांग है कि अगर वे हमारे सहयोगियों को रिहा नहीं करते तो हमें भी गिरफ्तार कर ले.

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प्रशासन का कहना है कि विधायक के घर को घेरने के मामले में पुलिस इस केस में खुद शिकायतकर्ता है और इस आपराधिक मामले में ऐसे केस वापस नहीं लिया जा सकता. प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वे पहले इस मामले में कानूनी राय लेंगे और फिर आगे उचित कदम उठाएंगे.

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