पुणे में बहिष्कार के बाद कई परिवारों ने छोड़ा घर; पुलिस बोली, 'किसी को दिक्कत, सीधे हमसे मिलें'

मामले पर पुलिस ने जानकारी दी कि, 'मई महीने में पौड इलाके में इस तरह की घटनाएं हुई थीं. पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, वैसे ही वहां लगाए गए बैनर हटा दिए गए.'

विज्ञापन
Read Time: 1 min

महाराष्ट्र के पुणे जिले में मंदिर में मानसिक रूप से असंतुलित युवक की हरकत के बाद कई मुस्लिम परिवारों ने किराए का घर छोड़ दिया है. साथ ही कुछ लोगों पर कारोबार बंद करने का भी दबाव और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने का आरोप है. मामला महाराष्ट्र के पुणे जिले के मुलशी तालुका के कुछ गांवों का है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ कथित बहिष्कार की घटनाएं सामने आई हैं. ये आरोप पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) नामक संगठन ने लगाया है.

इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भी सौंपा गया है. पुणे ग्रामीण पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह गिल ने कहा है,

'यदि इस तरह की कोई शिकायत हो तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें.'

PUCL के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी.डी. पारेख के साथ दूसरे पदाधिकारियों ने निवेदन में कहा है,

'पिछले कुछ दिनों से पौड और पिरंगुट इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय की दुकानों और व्यवसायों का बहिष्कार करने की कोशिशें हो रही हैं. इसके लिए कुछ जगहों पर बैनर लगाए गए और हस्ताक्षर अभियान चलाया गया.'

Advertisement

पुलिस की भूमिका क्या है?

एसपी संदीपसिंह गिल ने जानकारी दी कि,


'मई महीने में पौड इलाके में इस तरह की घटनाएं हुई थीं. पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, वैसे ही वहां लगाए गए बैनर हटा दिए गए. स्थानीय ग्रामीणों की बैठक आयोजित की गईं. जो अल्पसंख्यक व्यवसायी और मजदूर बाहर चले गए थे, वे अब वापस लौट रहे हैं. ग्रामस्थों और पुलिस की संयुक्त बैठक ली गई है. अगर किसी को कोई दिक्कत हो तो वह सीधे पुलिस से संपर्क करे.'

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sahakar Samvad में महिलाओं ने बताईं अपनी समस्याएं Amit Shah ने दिया जवाब? | NDTV India
Topics mentioned in this article