मोदी मंत्रिमंडल में बुधवार को फेरबदल हुआ और मनसुख मंडाविया को स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वो भी तब जब देश के सामने कोरोना महामारी जैसी गंभीर समस्या है और सरकार कोरोना की तीसरी लहर को रोकने की रणनीति पर काम कर रही है. 49 साल के मंडाविया साइकिल से संसद जाया करते थे. वे उन 7 मंत्रियों में हैं जिन्हें प्रमोशन दिया गया है. उन्होंने गुजरात कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया और बाद में राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर पूरा किया.
मंडाविया ने राजनीति में शुरुआत एबीवीपी के सदस्य के रूप में की और फिर बीजेपी में आगे बढ़े. 2002 में 28 साल की उम्र में वह सबसे कम उम्र के विधायक बने. 2012 में वह गुजरात से राज्यसभा में चुनकर आए. पहली बार वह 2016 में मोदी सरकार में शामिल हुए. उन्होंने सड़क परिवहन राजमार्ग, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री बनाया गया था.
उन्होंने बुधवार को कहा था कि नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी ने एक बार फिर मुझ पर भरोसा दिया और मुझे सरकार का हिस्सा बनाने के लिए आमंत्रित किया. मैं उन दोनों का आभारी हूं.
बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हर्षवर्धन और पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे जो कोविड-19 के खिलाफ सरकार की लड़ाई का अहम चेहरा थे, उनसे इस्तीफा ले लिया गया था. अप्रैल-मई के दौरान कोरोना की दूसरी लहर के चलते देश में ऑक्सीजन की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते सरकार की काफी आलोचना हुई थी.