नमाजवाद कह के समाजवाद पर टारगेट...NDTV के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में बोले मनोज झा

आरजेडी ने पटना में कहा था कि वक्‍फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे. इस पर बीजेपी प्रवक्‍ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये समाजवाद नहीं, नमाजवाद है.

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राजद प्रवक्‍ता मनोज झा
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  • मनोज झा ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल का माहौल है.
  • आरजेडी ने वक्‍फ कानून को समाप्त करने की बात की है.
  • सुधांशु त्रिवेदी ने इसे समाजवाद नहीं, नमाजवाद कहा.
  • मनोज झा ने संविधान के सेक्‍युलरिज्‍म का जिक्र किया.
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आरजेडी के प्रवक्‍ता और राज्‍यसभा सदस्‍य मनोज झा ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल का माहौल है. वक्‍फ को लेकर NDTV के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में मनोज झा ने बीजेपी प्रवक्‍ता सुधांशु त्रिवेदी 'समाजवाद नहीं, नमाजवाद' वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. संविधान के आर्टिकल्‍स का हवाला देते हुए उन्‍होंने कहा कि आपको (BJP को) ये जानना चाहिए कि संविधान में सेक्‍युलरिज्‍म और सोशलिज्‍म कब और कैसे जोड़ा गया. दरअसल, आरजेडी ने पटना में कहा था कि वक्‍फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे. इस पर बीजेपी प्रवक्‍ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये समाजवाद नहीं, नमाजवाद है. 

नमाज हमारा हिस्‍सा नहीं है क्‍या? 

मनोज झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में वक्‍फ मामले में आरजेडी भी पीटिशनर है और इसी के नाते पार्टी ने वक्‍फ पर पटना में हो रही मीटिंग में अपना पक्ष रखा. आगे उन्‍होंने कहा, 'हमने कृषि कानून पर भी हाथ जोड़कर सरकार से कहा था कि इसे लागू मत कीजिए. आखिरकार क्‍या हुआ, खुद प्रधानमंत्री को कानून वापस लेना पड़ा.' 

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सुधांशु त्रिवेदी अगर ये कहते हैं कि समाजवाद नहीं नमाजवाद तो वो ये बताएं कि क्‍या नमाज हमारा हिस्‍सा नहीं है क्‍या? क्‍या अल्‍पसंख्‍यक आबादी हमारे लोग नहीं हैं. 

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'अल्‍पसंख्‍यक संस्‍थान में 88% लाभार्थी हिंदू'

रजेडी प्रवक्‍ता ने कहा, 'अगर पीछे जाकर देखें तो पहले जालीदार टोपी कह के टारगेट करना फिर भैंस, मंगलसूत्र, मुजरा जैसी तुकबंदी बिठाना और अब समाजवाद को नमाजवाद कहना, ये सब बैड प्रैक्टिस है. एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, 'सच्‍चर कमिटी की रिपोर्ट पढ़ी जानी चाहिए, न कि वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी का ज्ञान.' उन्‍होंने पटना के मौलाना मजहरुल हक यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए दावा किया कि यहां 88% लाभार्थी/छात्र हिंदू हैं. 

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