प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना संकट हमारी कठिन परीक्षा ले रहा है. उन्होंने कहा, 'कोरोना की पहली लहर के बाद देश आत्मविश्वास से भरा था, लेकिन इस नए तूफान ने देश को झकझोर दिया है. संकट को लेकर मेरी फार्मा इंडस्ट्री, मेडिकल फील्ड से बात हुई है. इस संकट से निपटने के लिए हमें एक्सपर्ट की राय को प्राथमिकता देनी है. पीएम मोदी ने यह विचार रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में कहा, 'कोरोना संकटकाल में वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है.
उन्होंने कहा, 'मैं आप लोगों से आग्रह करूंगा कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें, सभी राज्यों को वैक्सीन फ्री में भेजी गई है.भारत सरकार ने फ्री वैक्सीन राज्यों को भेजी है जिसका लाभ 45 साल से ऊपर के लोगों को मिल रहा है. मैं कहना चाहता हूं कि भारत सरकार की तरफ से जो मुफ्त वैक्सीन कार्यक्रम चल रहा है वह आगे भी चलता रहेगा.' उन्होंने कहा कि एक मई से कोरोना के तीसरे चरण में 18 वर्ष से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाइ जा रही है. कार्पोरेट सेक्र और प्राइवेट सेक्टर भी अब इसमें भागीदारी निभा पाएगा. कोरोना के खिलाफ जंग में केंद्र सरकार, राज्यों की पूरी मदद कर रही है. हम राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं. राज्यों से भी आग्रह है इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लोग तक पहुचाएं.
पीएम ने कहा कि आज हमारे मेडिकल फील्ड के लोग और फ्रंट लाइन वर्कर्स सेवाकार्य में जुटे हैं तो लोग भी सेवा कार्य में पीछे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में लोग सेवाकार्य में आगे आ रहे हैं, ऐसे लोग हैं जो बाहर से आ रहे लोगों के लिए व्यवस्था बना रहे हैं. कोरोना केस न बढ़ें, इसके लिए युवा, स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर काम रहे हैं.