Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित किया. इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो ओलिंपिक, आजादी के 75 साल, वोकल फॉर लोकल और नवाचार समेत कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने देशभर के विभिन्न हिस्सों में अपनाई जा रही तकनीकों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों को तिरंगा लेकर चलते देखकर मैं ही नहीं पूरा देश रोमांचित हो उठा. पूरे देश ने जैसे एक होकर अपने इन योद्धाओं से कहा- विजयी भव! विजयी भव!. पीएम मोदी ने कहा कि कल (26 जुलाई को) ‘कारगिल विजय दिवस’ है. कारगिल का युद्ध, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का ऐसा प्रतीक है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा है. इस बार ये गौरवशाली दिवस भी ‘अमृत महोत्सव’ के बीच में मनाया जाएगा. इसलिए, ये, और भी खास हो जाता है. मैं चाहूंगा कि आप कारगिल की रोमांचित कर देने वाली गाथा जरुर पढ़ें, कारगिल के वीरों को हम सब नमन करें.
- पीएम मोदी ने कहा कि आप लोगों से मिले सुझाव ही ‘मन की बात' की असली ताकत हैं. आपके सुझाव ही ‘मन की बात' के माध्यम से भारत की विविधता को प्रकट करते हैं, भारतवासियों के सेवा और त्याग की ख़ुशबू को चारों दिशाओं में फैलाते हैं, हमारे मेहनतकश युवाओं के नवाचार से सब को प्रेरित करते हैं. ‘मन की बात' में आप कई तरह के आइडिया भेजते हैं. हम सभी पर तो नहीं चर्चा कर पाते हैं, लेकिन उनमें से बहुत से आइडिया को मैं सम्बंधित विभागों को जरुर भेजता हूं ताकि उन पर आगे काम किया जा सके.
- आंध्र प्रदेश के रहने वाले साई प्रनीथ जी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. पिछले वर्ष उन्होंने देखा कि उनके यहां मौसम की मार की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. उन्होंने अपनी दिलचस्पी और टैलेंट को किसानों की भलाई के लिये इस्तेमाल करने का फैसला किया. अब वे अलग-अलग डेटा सोर्सेज से Weather Data खरीदते हैं, उसका विश्लेषण करते हैं और स्थानीय भाषा में अलग-अलग माध्यमों से किसानों के पास जरूरी जानकारी पहुंचाते हैं.
- दूसरी ओर हमारे एक साथी के द्वारा किया जा रहा टेक्नोलॉजी का उपयोग भी आपको अचंभित कर देगा. ये साथी हैं ओडिशा के संबलपुर जिले के एक गांव में रहने वाले ईसाक मुंडा. ईसाक कभी एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे लेकिन, अब वे एक इंटरनेट सेंसेशन बन गए हैं. अपने यू-ट्यूब चैनल से वो काफ़ी रुपये कमा रहे हैं. वे अपने वीडियो में स्थानीय व्यंजन, पारंपरिक खाना बनाने के तरीके, अपने गांव, अपनी लाइफस्टाइल, परिवार और खान-पान की आदतों को प्रमुखता से दिखाते हैं.
- आईआईटी मद्रास के एक Alumni द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप ने एक 3डी प्रिंटेड हाउस बनाया है. 3डी प्रिंटिंग करके घर का निर्माण, आखिर ये हुआ कैसे? दरअसल इस स्टार्टअप ने सबसे पहले 3डी प्रिंटर में एक त्रिआयामी डिजाइन को फीड किया और फिर एक विशेष प्रकार के concrete के माध्यम से layer by layer एक 3D structure fabricate कर दिया. आपको यह जानकार खुशी होगी कि देशभर में इस प्रकार के कई प्रयोग हो रहे हैं. एक समय था जब छोटे-छोटे construction के काम में भी वर्षों लग जाते थे. लेकिन आज technology की वजह से भारत में स्थिति बदल रही है.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले हमने दुनियाभर की ऐसी नवीन कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए एक ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज का शुभारंभ किया था. ये देश में अपनी तरह का अलग तरह का अनोखा प्रयास है, इसलिए हमने इन्हें Light House Projects का नाम दिया. फिलहाल देश में 6 अलग-अलग जगहों पर Light House Projects पर तेजी से काम चल रहा है. इन Light House Projects में Modern Technology और Innovative तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे constructions का टाइम कम हो जाता है. साथ ही, जो घर बनते हैं वो अधिक टिकाऊ, किफायती और आरामदायक होते हैं.
- इंदौर के प्रोजेक्ट में Brick और Mortar Walls की जगह Pre-Fabricated Sandwich Panel System का इस्तेमाल किया जा रहा है.
- राजकोट में Light House, French Technology से बनाए जा रहे हैं, जिनमें Tunnel के जरिए Monolithic Concrete construction technology का इस्तेमाल हो रहा है. इस technology से बने घर आपदाओं का सामना करने में कहीं अधिक सक्षम होंगे.
- Chennai में, America और Finland की technologies, Pre-Cast Concrete System का उपयोग किया जा रहा है. इससे मकान जल्दी भी बनेंगे और लागत भी कम आएगी.
- Ranchi में Germany के 3D Construction System का प्रयोग करके घर बनाए जाएंगे. इसमें हर कमरे को अलग से बनाया जाएगा, फिर पूरे structure को उसी तरह जोड़ा जाएगा, जैसे block toys को जोड़ा जाता है.
- अगरतला में New Zealand की technology का उपयोग कर steel frame के साथ मकान बनाए जा रहे हैं, जो बड़े भूकंप को झेल सकते हैं.
- वहीं लखनऊ में Canada की technology का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें plaster और paint की जरुरत नहीं होगी और तेजी से घर बनाने के लिए पहले से ही तैयार दीवारों का प्रयोग किया जाएगा.
- आज देश में ये प्रयास हो रहा है कि ये project Incubation Centres की तरह काम करें. इससे हमारे Planners, Architects, Engineers और Students नई तकनीक को जान सकेंगे और उसका Experiment भी कर पायेंगे. मैं इन बातों को खास तौर पर अपने युवाओं के लिए साझा कर रहा हूं ताकि हमारे युवा राष्ट्रहित में technology के नए-नए क्षेत्रों की ओर प्रोत्साहित हो सकें.