पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) का हाल ही में निधन हो गया. 28 दिसंबर को दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. समाधि स्थल को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है. कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि उनका समाधि स्थल राजघाट के पास राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया जाए, जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक भी स्थित है. वहीं अब चर्चा है कि सरकार की तरफ से मनमोहन सिंह की समाधि संजय गांधी के समाधि स्थल के बगल में बनायी जाएगी.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को राजघाट स्थित समाधि स्थलों का निरीक्षण किया. जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने संजय गांधी की समाधि के पास जमीन देखी है. अधिकारियों ने पीवी नरसिंह राव की समाधि एकता स्थल के पास भी जगह देखी है.
निगमबोध घाट के करीब ही है संजय गांधी की समाधि स्थल
संजय गांधी की समाधि स्थल दिल्ली के स्मृति स्थल (Samadhi Sthal) के पास स्थित है, जिसे निगमबोध घाट के निकट बनाया गया है। संजय गांधी का निधन 23 जून 1980 को हुआ था. उनकी समाधि स्थल पर एक साधारण स्मारक है.स्मृति स्थल का कुल क्षेत्रफल लगभग 4 एकड़ (1.6 हेक्टेयर) है.
राजघाट परिसर में और उसके आसपास हैं 18 स्मारक
वर्तमान में, राजघाट परिसर में और उसके आसपास 18 स्मारक हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और उप प्रधान मंत्री के स्मारक शामिल हैं. दो अपवाद हैं संजय गांधी और पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की दिवंगत पत्नी ललिता शास्त्री जिनकी स्मारक यहां बनायी गयी है. सूत्रों ने कहा कि मानदंडों के अनुसार, मनमोहन सिंह का स्मारक राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर बनाया जा सकता है, हालांकि जगह का आवंटन केंद्र सरकार ही करेगी.
मनमोहन सिंह की अस्थियां यमुना नदी में विसर्जित
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियां उनके परिवार के सदस्यों ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार मजनू का टीला गुरुद्वारा के निकट यमुना नदी में विसर्जित कर दीं. अस्थियां रविवार सुबह सिंह के परिवार के सदस्यों द्वारा निगमबोध घाट से एकत्र की गईं और बाद में उन्हें गुरुद्वारे के पास यमुना नदी तट पर स्थित ‘अष्ट घाट' ले जाया गया. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर, उनकी तीन बेटियां - उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह अन्य रिश्तेदारों के साथ इस मौके मौजूद थीं. परिवार सिख रीति-रिवाजों के अनुरूप एक जनवरी को 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर ‘अखंड पाठ' का आयोजन करेगा.संसद परिसर के पास रकाबगंज गुरुद्वारे में 3 जनवरी को भोग, अंतिम अरदास और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा.
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