पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह किसानों के प्रति संवेदनशील थे और कुछ कृषकों द्वारा की गई आत्महत्या के बारे में जानने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र में अमरावती का दौरा किया था, लेकिन अब किसी को भी कृषकों के मुद्दों की परवाह नहीं है.
पवार पुणे शहर में शेतकरी आक्रोश मोर्चा के समापन के अवसर पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे. बृहस्पतिवार को पुणे जिले में शिवनेरी किले की तलहटी से निकले पैदल मार्च का नेतृत्व राकांपा (शरद पवार गुट) के सांसद अमोल कोल्हे ने किया.
इस अवसर पर उद्धव ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और राकांपा नेता कोल्हे और सुप्रिया सुले सहित महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के कई नेता उपस्थित थे. पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह कैबिनेट में कृषि मंत्री रहे पवार ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुछ किसानों की आत्महत्या के बाद अमरावती का दौरा किया था. वह लोगों के साथ-साथ किसानों के प्रति भी संवेदनशील थे. सिंह ने उस समय 72,000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण भी माफ कर दिए थे.''
पवार ने कहा कि लेकिन अब किसानों को हो रही कठिनाइयों पर कोई गौर तक नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह शेतकरी आक्रोश मोर्चा पुणे तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह पूरे देश तक पहुंच गया है.''
सभा को संबोधित करते हुए, राउत ने कहा कि राकांपा सांसद सुप्रिया सुले और अमोल कोल्हे को किसानों के मुद्दे उठाने के लिए संसद से निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा. राउत ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के बिना ग्राम पंचायत चुनाव भी नहीं जीत सकती. वे जीत के लिए ईवीएम पर निर्भर हैं. हमने महाराष्ट्र में कई क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया है, लेकिन भाजपा की साझेदारी ईवीएम के साथ है.''
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