मनमोहन सिंह का स्मारकः परिवार क्या बोल रहा, कांग्रेस की क्या मांग, सरकार ने क्या कहा, जानिए हर एक बात

कांग्रेस की मांग है कि  सिंह के अंतिम संस्कार तथा स्मारक के लिए विशेष जगह आवंटित कर यादगार स्मारक बनाया जाए जिससे आने वाली युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व के बारे में जान सके एवं उनसे प्रेरणा ले सके.

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नई दिल्ली:

 केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस बारे में उनके परिवार तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है. ‘पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के संबंध में तथ्य' शीर्षक से देर रात जारी एक विज्ञप्ति में मंत्रालय ने कहा कि सरकार को कांग्रेस प्रमुख खरगे से सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त हुआ है. कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी.

  • मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था.
  • वह 92 साल के थे.
  • सिंह 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे.
  • आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है, इस बीच मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं. सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनका एक स्मारक बन सके.

कांग्रेस की क्या मांग

कांग्रेस की मांग है कि  सिंह के अंतिम संस्कार तथा स्मारक के लिए विशेष जगह आवंटित कर यादगार स्मारक बनाया जाए जिससे आने वाली युवा पीढ़ी उनके व्यक्तित्व के बारे में जान सके एवं उनसे प्रेरणा ले सके.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए सरकार द्वारा स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है.

अन्य पार्टियों ने सरकार को घेरा

कुछ विपक्षी दलों ने भी इस विषय को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बसपा प्रमुख मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा. केन्द्र सरकार देश के पहले सिख प्रधानमंत्री रहे डा. मनमोहन सिंह के देहान्त होने पर उनका अन्तिम संस्कार वहाँ कराये तथा उनके सम्मान में  भी स्मारक आदि वहीं बनवाये जहां उनके परिवार की दिली इच्छा है. इसके लिए कोई भी राजनीति करना ठीक नहीं है और इन मामलों में केन्द्र सरकार इनके परिवार की व सिख समाज की भी भावनाओं का ज़रूर सम्मान करे तो यह उचित होगा.

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री की समाधि के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए. उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि इस विषय पर न किसी राजनीति की आवश्यकता है, न होनी चाहिए तथा डॉ. मनमोहन सिंह जी की समाधि राजघाट पर ही बननी चाहिए. 

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आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, 'देश के पूर्व प्रधानमंत्री, महान अर्थशास्त्री और सिख समाज से आने वाले देश के एक मात्र प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट पर जगह नहीं देना मोदी सरकार की छोटी और ओछी सोच को दर्शाता है.'

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