मणिपुर : मोरेह में असम राइफल्‍स के बख्‍तरबंद वाहन के सामने आए संदिग्‍ध विद्रोही, उठ रहे सवाल   

मणिपुर के मोरेह में 10 से 15 की संख्या में संदिग्‍ध विद्रोहियों ने बख्तरबंद वाहन को घेर लिया और सैनिकों को आगे न बढ़ने का इशारा किया. 

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
हथियारबंद लोगों के पास रॉकेट लांचर भी मौजूद थे, जिनका निशाना सुरक्षाबलों का बख्‍तरबंद वाहन था.
इंफाल/गुवाहाटी:

मणिपुर (Manipur) के सीमावर्ती शहर मोरेह में असम राइफल्स (Assam Rifles) और हथियारबंद लोगों के एक समूह के बीच तनावपूर्ण गतिरोध के वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. इन वीडियो के सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि कैसे कुछ हथियारबंद लोगों ने सुरक्षाबलों को संघर्षरत म्‍यांमार से कुछ ही दूरी पर मौजूद शहर में घूमने से रोक दिया. यह घटना 17 जनवरी की बताई जा रही है, जिस दिन मणिपुर पुलिस के दो कमांडो विद्रोहियों पर जवाबी कार्रवाई के दौरान शहीद हो गए थे. गोलीबारी के एक दिन बाद मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि "कई कुकी उग्रवादियों ने तीन जगहों पर कमांडो चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी", और कमांडो कम ऊंचाई पर होने के कारण उनका आसान निशाना थे. 

सोशल मीडिया पर शनिवार को सामने आए वीडियो को लेकर सूत्रों ने बताया कि यह 17 जनवरी का था. इसमें एक बख्तरबंद वाहन के अंदर असम राइफल्स के जवानों को उन हथियारबंद लोगों को चेतावनी देते हुए सुना गया, जो उनका रास्ता रोक रहे थे. 

एक सैनिक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "कृपया किनारे हो जाएं. ऐसा नहीं करें. हमारे वाहन पर गोली नहीं चलाएं."

Advertisement

उसी वक्‍त करीब 10-15 की संख्या में बैटल ड्रेस पहने लोगों ने बख्तरबंद वाहन को घेर लिया और सैनिकों को आगे न बढ़ने का इशारा किया. 

Advertisement

इसके बाद गाड़ी में मौजूद सिपाही ने चिल्‍लाकर कहा, "आप सभी फायरिंग बंद करो. आप लोगों को नुकसान होगा. एक तरफ हो जाओ. हमारी गाड़ी को जाने दो. आप समझते क्यों नहीं?" "

Advertisement

असम राइफल्स दक्षिण अफ्रीकी मूल के कैस्पिर माइन प्रोटेक्‍टेड व्हिकल के एक विकसित भारतीय संस्करण का उपयोग करता है. 

हथियारबंद लोगों ने दो क्रूड रॉकेट लांचर निकाले, जिनमें से एक का निशाना सामने से सीधे वाहन पर था, जबकि दूसरे का निशाना दाहिनी ओर की ऊंची जमीन से वाहन पर था. 

Advertisement

विदेशी मूल की एम सीरीज (एम4, एम16 आदि) असॉल्ट राइफल से लैस एक अन्य व्यक्ति हाथ में आईईडी लेकर आया और सामने वाहन के दाहिने टायर के पास खड़ा हो गया. उसने इशारा किया, जैसे कि वह आईईडी को वाहन के नीचे फेंक देगा. 

"आईईडी लेके आ गया," बारूदी सुरंग से सुरक्षित वाहन के अंदर एक अन्य सैनिक को यह कहते हुए सुना जाता है. 

आगे बढ़ने में असमर्थ होने के कारण वाहन पीछे होता है और एक ओर झुक जाता है, रास्‍ते में मोड़ लेने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी. हथियारबंद लोग पीछा करते रहे, वाहन पर बंदूकें तान दी गईं. एक अन्य हथियारबंद व्यक्ति को वाहन पर निशाना साधने के लिए क्रूड रॉकेट लांचर के साथ देखा गया.  

असम राइफल्स ने अतीत में मोरेह और उसके आसपास के इलाकों में संदिग्ध विद्रोहियों द्वारा गोलीबारी के दौरान पुलिस कमांडो को बचाया है. 

म्यांमार के विद्रोहियों के मणिपुर में प्रवेश की आशंका 

17 जनवरी को पुलिस कमांडो पर हुए हमले में संदिग्ध विद्रोहियों द्वारा रॉकेट चालित ग्रेनेड दागे गए थे. राज्य के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा था कि ऐसी संभावना है कि म्यांमार स्थित विद्रोही मणिपुर में प्रवेश कर गए हैं, लेकिन अभी तक इसके कोई सबूत नहीं है. 

कम से कम 25 कुकी विद्रोही समूहों ने केंद्र और राज्य के साथ त्रिपक्षीय संचालन निलंबन (Suspension of Operations) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते के तहत, विद्रोहियों को निर्दिष्ट शिविरों में रखा जाता है. ऐसे आरोप लगे हैं कि ऐसे कई शिविरों में पूरी उपस्थिति नहीं देखी गई है.

एसओओ समझौते को लेकर उठाए सवाल 

मणिपुर के एक सेवानिवृत्त शीर्ष सैन्‍य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एलएन सिंह (सेवानिवृत्त) ने "कुकी उग्रवादियों" के बढ़ते खतरे के लिए एसओओ समझौते के बेअसर होने को जिम्‍मेदार ठहराया है. 

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कुकी उग्रवादी एसओओ समझौते से छूट और नरमी से प्रोत्साहित होकर अब सीधे अन्य सुरक्षाबलों को धमकी दे रहे हैं. एसओओ के 15 साल से अधिक, और कितना? एक समयसीमा होनी चाहिए. किसी को तो जवाब देना ही होगा कि करदाताओं का कितना अधिक पैसा खर्च किया जाएगा." 

हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत 

झड़पें शुरू होने के बाद से पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी और घाटी-बहुसंख्यक मैतेई लोगों के बीच नौ महीने से तनाव बना हुआ है. हिंसा में 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं. दोनों समुदाय अब तेजी से विभाजित हो गए हैं, किसी भी समुदाय के लोग उन क्षेत्रों में नहीं जा रहे हैं जहां दूसरे समुदाय के लोग रहते हैं. 

ये भी पढ़ें :

* मोदी सरकार ने 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया है : अमित शाह
* असम स्थित पुलिस अकादमी में मणिपुर पुलिस प्रशिक्षुओं के दो समूह भिड़े
* मणिपुर के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की तैयारी में केंद्र : अमित शाह से मुलाकात के बाद CM बीरेन सिंह

Featured Video Of The Day
Germany Christmas Market हमले में 7 भारतीयों के घायल होने की खबर | BREAKING NEWS