म्यांमार से 900 कुकी उग्रवादियों के मणिपुर में घुसपैठ के इनपुट, सुरक्षा सलाहकार का दावा- 100% सही

Manipur Security: मणिपुर सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा कि किसी भी खुफिया इनपुट को आपको 100 प्रतिशत सही मानकर तैयार रहना होगा. अगर यह सच नहीं हुआ तो इसकी दो वजह होंगी. या तो यह बिल्कुल नहीं हुआ, या आपकी कोशिशों की वजह से ये टल गया.

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दिल्ली:

मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार ने पहली बार सार्वजनिक रूप से पुष्टि की कि है कि उन्हें मिली एक खुफिया रिपोर्ट में म्यांमार से मणिपुर में 900 कुकी उग्रवादियों (Kuki Militants Entered In Manipur) की घुसपैठ की चेतावनी दी गई है, जो कि ये लोग जंगल युद्ध और हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल में पूरी तरह से ट्रेंड हैं. मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने मीडिया को बताया कि खुफिया रिपोर्ट को हल्के में नहीं लिया जा सकता.

मणिपुर में 900 कुकी उग्रवादियों के घुसने का दावा

शीर्ष खुफिया सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि ये खुफिया रिपोर्ट दक्षिणी मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर मौजूद जिलों के सभी सीनियर अधीक्षकों को भेजी गई है. सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार को भेजी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टल, मिसाइल और जंगल युद्ध  में ट्रेनिंग लिए हुए 900 कुकी उग्रवादी, म्यांमार से मणिपुर में घुस चुके हैं. 

माना जा रहा है कि ये कुकी उग्रवादी" 30-30 सदस्यों की यूनिट में हैं और अलग-अलग जगह पर फैले हुए हैं.  सूत्रों के मुताबिक, ये उग्रवादी सितंबर के आखिरी हफ्ते में मैतेई गांवों पर कई हमले कर सकते हैं. कुलदीप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनको लगता है कि ये खुफिया रिपोर्ट 100 प्रतिशत सही है. उन्होंने कहा कि जब तक यह गलत साबित नहीं हो जाता, तब तक यही माना जाएगा कि ये रिपोर्ट 100 प्रतिशत सही है. 

"खुफिया रिपोर्ट 100 प्रतिशत सही"

कुलदीप सिंह ने कहा कि किसी भी खुफिया इनपुट को आपको 100 प्रतिशत सही मानकर तैयार रहना होगा. अगर यह सच नहीं होगा, तो दो चीजें होंगी. या तो यह बिल्कुल नहीं हुआ, या आपकी कोशिशों की वजह से ये टल गया. लेकिन फिर भी इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. 

म्यांमार के चिन राज्य और अन्य राज्यों में जातीय सशस्त्र समूह जुंटा से लड़ रहे हैं. उन्होंने देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जिस पर पहले जुंटा का नियंत्रण था. कुछ लड़ाई भारत के बॉर्डर के करीब हुई है, जिनमें चिन राज्य के विद्रोहियों द्वारा उन पर कब्जा करने के बाद कुछ जुंटा सैनिकों के भारत में भाग जाने के उदाहरण हैं.

पहले भी किए गए घुसपैठ के दावे

मणिपुर सरकार लंबे समय से कहती रही है कि राज्य में जातीय हिंसा, दक्षिणी मणिपुर में अवैध अप्रवासियों की आबादी में बढ़ोतरी का प्रत्यक्ष परिणाम है. यह क्षेत्र अन्य कारकों के अलावा चिन राज्य और सागाइंग क्षेत्र के साथ बॉर्डर शेयर करता है.  जनवरी में,मणिपुर के मोरेह शहर में पुलिस कमांडो पर हुए हमलों के बारे में पूछे जाने पर, सुरक्षा सलाहकार ने म्यांमार स्थित उग्रवादियों की संलिप्तता से इनकार किया था. लेकिन उन्होंने इस बात को स्वीकार किया था कि म्यांमार के उग्रवादियों के आने की संभावना थी, हालांकि तब कोई सबूत नहीं थे.

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मणिपुर में कुकी-मैतेई विवाद

मैतेई बहुल घाटी के आसपास की पहाड़ियों में कुकी जनजातियों के कई गांव हैं. मैतेई और कुकी समुदायक की करीब दो दर्जन जनजातियों के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है. हिंसा इतनी भड़क गई कि 220 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और करीब 50,000 लोग आंतरिक रूप से दूसरी जगह चले गए. दरअसल सामान्य श्रेणी के मैतेई अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल होने की मांग कर रहे हैं. वहीं म्यांमार के चिन राज्य और मिजोरम के लोगों के साथ जातीय संबंध रखने वाले कुकी मणिपुर से अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. 

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