मणिपुर हिंसा: मैतेई और कुकी समुदायों के बंकर किए जाएंगे नष्ट, 5 जुलाई से खुलेंगे 1 से 8 तक स्कूल

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा, "आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि मणिपुर में सभी बंकरों को नष्ट करना होगा. संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा.

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पूर्वोत्तर राज्य में शांति लाने के लिए सेना और अन्य केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है.
इंफाल:

मणिपुर में हिंसा शुरू होने के ठीक दो महीने बाद राज्य सरकार ने मैतेई और कुकी समुदायों द्वारा बनाए गए सभी बंकरों को नष्ट करने का फैसला किया है. सरकार ने इसके साथ ही ऐलान किया कि राज्य में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बुधवार को फिर से खुलेंगे. 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में एकीकृत कमान की पहली बैठक में सेना, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि किसानों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी, ताकि कृषि गतिविधियां निर्बाध रूप से जारी रह सकें. राहत से संबंधित शिकायतों के लिए एक टोल-फ्री नंबर- 1800 309 0931 भी एक्टिव किया गया है.

पूर्वोत्तर राज्य में शांति लाने के लिए सेना और अन्य केंद्रीय बलों को तैनात किया गया है, जहां जातीय समुदायों के बीच दो महीने से जारी हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं, कई लोग घायल हुए हैं. बड़ी संख्या में घरों तथा पूजा स्थलों को नष्ट कर दिया गया. पिछले 24 घंटों में हथियारबंद हमलावरों की गोलीबारी में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई. दो घायल हो गए. राज्य के कुछ जिलों से घरों में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, "आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि मणिपुर में सभी बंकरों को नष्ट करना होगा. संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा. कृषि उद्देश्यों के लिए पांच जिलों- कांगपोकपी और चुराचांदपुर में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया जाएगा. 

बता दें कि पिछले महीने गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के अधीन एकीकृत कमान संरचना की स्थापना की गई थी. मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में लगभग 120 लोगों की जान चली गई है. 3000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.

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