ताश के पत्तों की तरह पानी में ढह गया शापिंग कॉम्प्लेक्स, मनाली में नहीं थम रहा व्यास नदी का कहर

व्यास नदी के किनारों पर बसे कई गांव अब भी खतरे की जद में हैं. व्यास नदी अपना किनारा छोड़कर कुल्लू के पतली कोहुल क़स्बे की ओर बढ़ रही है. जिससे ग्रामीणों में खौफ है.

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व्यास नदी के उफान पर होने से मनाली में भारी तबाही हुई है.
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  • मनाली में लगातार बारिश होने से व्यास नदी उफान पर आ गई है और व्यापक तबाही मची है
  • व्यास नदी के उफान से नग्गर ग्राम पंचायत में कई मकान, दुकानें और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बह गए हैं
  • मानसून के दौरान राज्य में अबतक 91 अचानक बाढ़ आने, 45 बादल फटने और 93 बड़े भूस्खलन की घटनाओं हुई हैं.
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मनाली:

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने अपना विकराल रूप ले लिया है. राज्य के कई जिलों के लिए मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इस बीच मनाली में आज सुबह से फिर बारिश शुरू हो गई है. जिससे की लोगों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है. व्यास नदी पहले से ही उफान में है और खूब आतंक मचा रही है. दुकानें बह गईं हैं, इमारतें ढह गईं हैं,  राजमार्ग कट गए और कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. मनाली के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई. 

शापिंग कॉम्प्लेक्स बह

मनाली से करीब 20 किलोमीटर दूर नग्गर ग्राम पंचायत में व्यास नदी ने भारी तबाही मचाई है. व्यास नदी के उफान में कई मकान और दुकान ताश के पत्ते की तरह बह गई हैं. नग्गर ग्राम पंचायत के लोग अभी भी सदमे में हैं. यहां एक शापिंग कॉम्प्लेक्स व्यास नदी की चपेट में आ गया है और पानी के साथ बह गया.

गांव की एक महिला ने रोते हुए अपने दुख सुनाया और बताया कि कैसे मिनटों में उनकी जीवन बुरी तरह से बर्बाद हो गया. व्यास नदी का पानी अब कम तो हो रहा है, लेकिन तीन गांव को अभी भी ख़तरा बताया जा रहा है. व्यास नदी के किनारों पर बसे कई गांव अब भी खतरे की जद में हैं. व्यास नदी अपना किनारा छोड़कर कुल्लू के पतली कोहुल क़स्बे की ओर बढ़ रही है. जिससे ग्रामीणों में खौफ है. वहीं बेली ब्रिज के आगे का हिस्सा खत्म हो गया है और व्यास नदी अब बेली पुल के नीचे से नहीं बल्कि उसके बगल से बह रही है.

बता दें हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 30 अगस्त के बीच वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम 320 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 लोग लापता हो गए.  पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण 842 सड़कें बंद हो गई हैं. मनाली शहर में हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं.

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