'राष्ट्रध्वज का अपमान नहीं किया', NDTV से बोला US कैपिटॉल पर तिरंगा लहराने वाला

बुधवार के अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की बैठक बुलाई गई थी ताकि जो बाइडेन की जीत को प्रमाणित किया जा सके और सत्ता हस्तांतरण का प्रक्रिया शुरू की जा सके लेकिन ट्रंप समर्थकों ने उसे बाधित कर दिया था.

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NDTV से बात करते हुए विन्सेंट जेवियर ने कहा कि तिरंगा लहराने में शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है. हम अपनी विविधता का जश्न मना रहे थे.
नई दिल्ली:

बुधवार (06 जनवरी) को अमेरिकी संसद भवन (US Parliament) कैपिटॉल हिल के पास राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के समर्थकों ने भारी उपद्रव, हंगामा और हिंसा की. उस दौरान वहां एक शख्स के हाथ में भारतीय तिरंगा भी लहरा रहा था. दुनियाभर में उसकी निंदा की गई है. जिस शख्स के हाथ में यह तिरंगा था, उसका नाम विन्सेंट ज़ेवियर है.  विन्सेंट ट्रंप समर्थक हैं और उसका कहना है कि उसका इरादा यह साबित करना था कि अमेरिका नस्लवादी नहीं है क्योंकि अक्सर उस पर नस्लवादी होने के आरोप लगते रहे हैं. विन्सेंट के मुताबिक अमेरिका विविधता को गले लगाने वाला देश है.

कैपिटॉल हिल पर तिरंगा लहराए जाने पर भारत में बीजेपी सांसद वरुण गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के बीच ट्विटर पर जोरदार भिड़ंत हो चुकी है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने इस पर सवाल उठाते हुए लिखा, "वहां पर भारतीय झंडा क्यों है ??? यह एक ऐसी लड़ाई है जिसमें हमें निश्चित रूप से शामिल होने की जरूरत नहीं थी." इस पर थरूर ने तंज कसा और कहा था कि कुछ भारतीय भी उसी मानसिकता के साथ हैं जो ट्रम्प समर्थक भीड़ के रूप में हैं, जो गर्व के प्रतीक के बजाय एक हथियार के रूप में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग करने का आनंद लेते हैं.

कैपिटॉल बिल्डिंग के बाहर तिरंगा लहराने पर वरुण गांधी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर में भिड़ंत

विन्सेंट जेवियर ने दोनों नेतोओं की जुबानी जंग पर भी जवाब दिया और कहा कि हमने वहां तिरंगा लहराकर उसे अपमानित नहीं किया है. उसने शशि थरूर से 2015 में हुई मुलाकात की भी चर्चा की.

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NDTV से बात करते हुए विन्सेंट ने कहा, "इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है. हम अपनी विविधता का जश्न मना रहे हैं. दुनिया को यह जानना होगा कि अमेरिका नस्लवादी देश नहीं है, जैसा कि उसे चित्रित किया जाता है. रिपब्लिकन पार्टी श्वेत वर्चस्ववादी नहीं है. अगर वे नस्लवादी होते तो मुझे भारतीय तिरंगा ले जाने की अनुमति नहीं देते. वास्तविकता में वहां तिरंगा लहराना अधिक सम्मान दिखा रहा था."

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बुधवार के अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की बैठक बुलाई गई थी ताकि जो बाइडेन की जीत को प्रमाणित किया जा सके और सत्ता हस्तांतरण का प्रक्रिया शुरू की जा सके लेकिन ट्रंप समर्थकों ने उसे बाधित कर दिया था.

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