खास बातें
- एनडीए ने तय किया कि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले के खिलाफ वह ऐसा प्रस्ताव संसद में लाएगा, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। तृणमूल कांग्रेस से संबंध खराब न हों, इसलिए उसने अविश्वास प्रस्ताव पर भी अपने विकल्प खुले
नई दिल्ली: एनडीए ने तय किया कि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले के खिलाफ वह ऐसा प्रस्ताव संसद में लाएगा, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। तृणमूल कांग्रेस से संबंध खराब न हों, इसलिए उसने अविश्वास प्रस्ताव पर भी अपने विकल्प खुले रखे हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि एनडीए ऐसा प्रस्ताव लाएगा, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान हो। वह मल्टीब्रांड खुदरा एफडीआई के सरकार के फैसले को रद्द करने की अपील करेगा और सरकार से आग्रह करेगा कि वह यह फैसला वापस ले।
लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 22 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। एफडीआई के सरकारी फैसले के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का समर्थन करने वाले सभी राजनीतिक दलों से एनडीए ने अपील की कि वे उसके प्रस्ताव का संसद में समर्थन करें।
कांग्रेस की पूर्व सहयोगी तृणमूल ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। राजग ने तय किया है कि वह इस बारे में सभी राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा करेगा।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और अब समय आ गया है कि यह हटे।