बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 से 25 नवंबर के बीच दिल्ली का दौरा करेंगी. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है. सूत्रों ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगी और हंगामे वाले एक और सत्र में बीजेपी से मुकाबला करने की रणनीति पर बात करेंगी. इसमें कृषि कानूनों को निरस्त करने का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया जाएगा. तीन कृषि कानूनों को पिछले साल संसद में हंगामे के बीच पारित किया गया था. किसानों के 15 महीने से चल रहे उग्र विरोध के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कहा कि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा. इस सत्र में कानूनों को खत्म करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाने की उम्मीद है.
ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, "हर एक किसान को हार्दिक बधाई." उन्होंने मरने वाले किसानों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और प्रदर्शनकारियों के साथ की गई "क्रूरता" के लिए बीजेपी की निंदा की.
समाचार एजेंसी भाषा ने खबर दी है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अगले हफ्ते नई दिल्ली के दौरे पर जाने की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की संभावना है. उच्च स्तर के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि इस मुलाकात में वह राज्य के बकाये और बीएसएफ का बढ़ाए गए अधिकार क्षेत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगी. उन्होंने बताया कि बनर्जी 22 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी का दौरा कर सकती हैं और 25 नवंबर को कोलकाता लौटेंगी.
सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, “नई दिल्ली में अपने तीन दिन के दौरे पर वह प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगी. बनर्जी अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी बैठक कर सकती हैं.”
मोदी के साथ उनकी प्रस्तावित बैठक के एजेंडा के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने कहा, “मुख्यमंत्री राज्य के बकाया चुकाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को उठाएंगी. वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक बढ़ाए जाने के केंद्र के फैसले पर अपनी आपत्ति भी दर्ज कराएंगी.”
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने इससे पहले कहा था कि केंद्र का कदम केवल “आम लोगों को प्रताड़ित” करने वाला है और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मुद्दे पर आपत्तियां भी जताई थी. पिछले महीने ममता बनर्जी ने इस विषय पर पीएम मोदी को लिखा और इसे देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप करने का प्रयास बताया. केंद्र ने बंगाल, पंजाब और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया, जिसकी पहले दो राज्यों ने कड़ी आलोचना की थी. असम में बीजेपी सत्ता में है. पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है और यहां अगले साल चुनाव होगा.
ममता बनर्जी आखिरी बार जुलाई में दिल्ली आई थीं. अप्रैल-मई में बंगाल चुनाव में बीजेपी पर तृणमूल की शानदार जीत के बाद से वह राष्ट्रीय राजधानी की उनकी पहली यात्रा थी. तब भी विपक्षी एकता उनके एजेंडे में थी. बंगाल की मुख्यमंत्री से पहले कांग्रेस के पी चिदंबरम और एनसीपी प्रमुख शरद पवार, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव सहित शीर्ष नेताओं के वक्तव्यों से इसके लिए एक आधार बन गया था.