'खेला होबे' पर गाना बनाइए : 'बड़ी पारी' खेलने के लिए तैयार ममता बनर्जी ने जावेद अख्तर से कहा 

गीतकार जावेद अख्तर से जब खेला होबे (खेल होगा) नारे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नारे को अब किसी समर्थन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ''अब यह चर्चा से आगे निकल चुका है.''

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ममता से मुलाकात के बाद बोले जावेद अख्तर- परिवर्तन होना चाहिए
नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को जाने-माने गीतकार और कवि जावेद अख्तर से तृणमूल कांग्रेस के स्लोगन "खेला होबे' पर गाना लिखने अनुरोध किया. जावेद अख्तर और शबाना आजमी ने कल ममता बनर्जी से बातचीत की. बता दें कि ममता बनर्जी चार दिनों की दिल्ली यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की.

बंगाल सीएम ममता बनर्जी से मिलने के बाद जावेद अख्तर ने कहा कि मैं सभी के लिए नहीं कह सकता लेकिन व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि ''परिवर्तन'' होना चाहिए. देश में अभी कई तनाव हैं, ध्रुवीकरण का मुद्दा है, कई लोग आक्रामक बयान देते हैं... हिंसा की घटनाएं होती हैं. यह शर्म की बात है कि दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए. ये चीजें नहीं होनी चाहिए.'' उन्होंने कहा कि बंगाल ने हमेशा ''क्रांतिकारी आंदोलनों'' का नेतृत्व किया है. 

अख्तर ने ममता से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, "बंगाल का इतिहास है कि इसने क्रांतिकारी आंदोलनों का नेतृत्व किया है. बंगाल के कलाकार और बुद्धिजीवी ममता  का समर्थन करते हैं. हमने उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी. बनर्जी से मुलाकात कर, कलाकारों को रॉयल्टी देने का आश्वासन देने वाले विधेयक का समर्थन करने के लिए ''धन्यवाद'' दिया. 

यह पूछे जाने पर कि क्या बनर्जी को भाजपा के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए, अख्तर ने कहा कि उनके साथ चर्चा के दौरान उन्होंने कभी नहीं कहा कि उनकी महत्वाकांक्षा विपक्षी मोर्चे की नेता बनने की है.

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अख्तर ने कहा, ''हालांकि, वह परिवर्तन में विश्वास करती हैं. वह पहले बंगाल के लिए लड़ी थीं, अब वह भारत के लिए लड़ना चाहती हैं. महत्वपूर्ण सवाल यह नहीं है कि कौन नेतृत्व करेगा और कौन नहीं. महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आप किस तरह का भारत चाहते हैं और आप किस तरह की परंपरा, माहौल, स्वतंत्रता और लोकतंत्र चाहते हैं? हमें गर्व है कि हमारे पास लोकतंत्र है लेकिन हमें इसे बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए... लोकतंत्र एक सतत प्रक्रिया है. यह स्थिर नहीं है, यह गतिशील है.''

गीतकार से जब चर्चा में आए खेला होबे (खेल होगा) नारे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नारे को अब किसी समर्थन की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ''अब यह चर्चा से आगे निकल चुका है.'' अख्तर के बोलते समय चुपचाप खड़ीं बनर्जी ने चुटकी लेते हुए कहा, ''खेला होबे से आपको एक गाना बनाना है.''

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