कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) से हारे कांग्रेस के सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, हमें खड़गे जी की जीत को कांग्रेस (Congress) पार्टी की जीत मानना चाहिए. यह चुनाव किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं था बल्कि हमेशा पार्टी के बारे में था. मैं हमेशा से पार्टी को मजबूत करना चाहता था क्योंकि देश के लिए कांग्रेस को मजबूत करना बहुत जरूरी है.
शशि थरूर ने कहा कि, मैं उनके (मल्लिकार्जुन खड़गे) आवास पर गया और उन्हें उनकी जीत पर बधाई दी. वे एक वरिष्ठ नेता हैं और हमेशा पार्टी का मार्गदर्शन करेंगे. मैं बेहद खुश हूं क्योंकि 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने मुझे वोट दिया. हमारे कार्यकर्ता ही हमारी पार्टी का असली गौरव हैं.
इससे पहले नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, आजादी के 75 साल के इतिहास में कांग्रेस ने लोकतंत्र को मजबूत किया. लोकतंत्र खतरे में है. देश मे सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी, महंगाई है. सरकार द्वारा नफरत फैलाई जा रही है. अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि, सफल चुनाव के लिए सभी डेलीगेट को धन्यवाद देता हूं. शशि थरूर को बधाई, मिलकर आगे पार्टी को बढ़ाएंगे. मुझे बहुत अच्छा लगा. सोनिया गांधी का आभार व्यक्त करता हूं. उनके नेतृत्व में दो बार केंद्र में और कई राज्यों में सरकार बनाई.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से सोनिया गांधी का आभार. उन्होंने बलिदान देकर 24 साल तक कांग्रेस को सींचा. उनका कार्यकाल इतिहास में याद किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि देश मे सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी, महंगाई है. सरकार द्वारा नफरत फैलाई जा रही है. महंगाई बेरोजगारी बड़ी समस्या है. अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है. राहुल गांधी कश्मीर से कन्याकुमारी तक पदयात्रा कर रहे हैं. मैं कांग्रेस और देश के लोगों से अपील करता हूं कि भारत जोड़ो अभियान से जुड़ें. राहुल गांधी ने फोन करके मुझे बधाई दी. उनका भी धन्यवाद. उन्होंने कहा कि गरीब परिवार में जन्मे सामान्य आदमी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है.
खड़गे ने कहा कि सबको कार्यकर्ता के तौर पर काम करना है. संगठन को मजबूत करेंगे. दिल्ली की सरकार केवल बात करती है, खोखला चना बाजे घना. सबको हर लेवल पर लड़ना होगा. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, हम सभी को पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करना है, पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता है. हमें सांप्रदायिकता की आड़ में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने वाली फासीवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा.