मालेगांव बम विस्फोट मामले (Malegaon bomb blast Case) में मुकदमे में तारीखों का दौर जारी है. 15 साल पुराने इस मामले में 25 सितंबर से सीआरपीसी 313 के तहत आरोपियों का बयान दर्ज होना था, लेकिन 7 में से एक आरोपी के नही आ आने पर अदालत ने अब अगली तारीख 3 अक्टूबर तय की है. साथ ही नहीं आ पाने वाले आरोपी सुधाकर धर द्विवेदी के खिलाफ 5 हजार रुपए का जमानती वारंट भी जारी किया है. मालेगांव बम धमाके की आरोपी नंबर एक और बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अदालत में अपना बयान दर्ज कराने के लिए भोपाल से मुंबई आई थीं. साध्वी की ही तरह 5 और आरोपी अदालत आए, लेकिन आरोपी नम्बर दस सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे के ना आ पाने की वजह से किसी का भी बयान दर्ज नही हो पाया और तारीख पड़ गई.
इस बीच, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर कांग्रेस की प्रताड़ना से तबीयत खराब होने का आरोप लगाया.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने मेरी प्रताड़ना निश्चित तौर पर की. पुलिस कस्टडी में मैं स्वस्थ थी, लेकिन मेरी हालत पूरी तरह खराब कर दी गई. कैंसर से लेकर स्पाइनल समस्या पैदा हुई. अभी भी तबियत लगातार बिगड़ रही है, जब मैं निकली तो बिस्तर पर थी. यह सब एटीएस और कांग्रेस की प्रताड़ना के कारण हुआ.
मालेगांव बम धमाके में 323 लोगों की गवाही होने के बाद अब सीआरपीसी 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज होने हैं. किसी भी मुकदमे में 313 के तहत आरोपी का बयान बहुत अहम होता है, जिसमें गवाहों के बयान के आधार पर अदालत सवालों की सूची बनाकर आरोपी से उसका जवाब मांगती है.
अब तक 34 गवाह अपने बयान से मुकर चुके
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 101 जख्मी हुए थे. इस मामले में पहले स्थानीय पुलिस और फिर महाराष्ट्र एटीएस और फिर एनआईए ने जांच की. मुकदमे की सुनवाई कर रहे 4 जज अब तक बदल चुके हैं. पांचवे जज ए के लाहोटी सुनवाई कर रहे हैं. वहीं 11 में से तीन आरोपी डिस्चार्ज हो चुके हैं और बम प्लांट करने वाले आरोपी रामचंद्र कलसांग्रा और संदीप डांगे अब भी फरार हैं. साथ ही इस मामले में अब तक 34 गवाह अपने बयान से मुकर चुके हैं.
पीड़ित और आरोपी लगा रहे राजनीति होने का आरोप
15 साल बाद भी तारीखों में उलझे मुकदमे पर पीड़ित और आरोपी दोनों मामले में राजनीति होने का आरोप लगाते रहे हैं. एक आरोपी समीर कुलकर्णी ने कहा कि मामले में शुरू से राजनीति हो रही है, जिसके शिकार पीड़ित पक्ष और उनके जैसे गरीब आरोपी भी हो रहे हैं.
आरोपियों के बयानों में अभी लग सकते हैं महीनों
29 सितंबर को मालेगांव 2008 बम धमाके को 15 साल पूरे हो जाएंगे, लेकिन मुकदमा अब भी पूरा नहीं हो पाया है. आज भी एक आरोपी के ना आ पाने की वजह से अदालत को तारीख देनी पड़ी है. 313 के तहत आरोपियों का बयान अब 3 अक्टूबर से दर्ज होगा. चूंकि मामले में 323 गवाही हुई है, इसलिए माना जा रहा है कि 313 के तहत आरोपियों के बयान में महीनों लगेंगे, यानी तारीख पर तारीख मिलने का ये दौर अभी लंबा चलेगा.
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